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आज सेवानिवृत्त हुए डीजीपी अनिल रतूड़ी, इस मौके पर जानें उनकी विशेष उपलब्धियां

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देहरादून। पुलिस लाइन में राज्य के 10वें डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी की विदाई परेड सोमवार को साढ़े नौ बजे शुरू की गई। डीजीपी अनिल रतूड़ी के पुलिस मुखिया के तौर पर तीन साल से अधिक का कार्यकाल रहा है। आज सेवानिवृत्त होने के दिन उनकी तीन साल की उपलब्धियों को बताया गया। इस शानदार परेड को आईपीएस रेखा यादव ने कमांड किया। परेड में डीजीपी हरियाणा मनोज यादव भी सपत्नी मौजूद रहे। डीजीपी अनिल रतूड़ी ने परेड के सफल आयोजन के लिए डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार, डीआईजी दून अरुण मोहन जोशी को विशेष रूप से बधाई दी। डीजीपी रतूड़ी ने बोलते हुए कहा कि हम लोग जो भी कर सके है उसके पीछे फोर्स व टीम भावना बेहद अहम है। वर्ष 2000 में मै ओएसडी के रूप में उत्तराखंड आया था आज डीजीपी का काल देख रहा हूं। राज्य पुलिस के सिपाही, दरोगा बहुत शालीन, सभ्य, मानवीय व प्रोफेशनल तौर पर बेहद आगे है।

डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी की विशेष उपलब्धियां-

बता दें कि डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी ने अपने 03 वर्ष से अधिक के कार्यकाल मे पुलिस महानिदेशक के पद पर रहते हुए उत्तराखण्ड पुलिस को एक नई उँचाइयो पर ले जाने के लिये महत्वपूर्ण कदम उठाये गये। महोदय द्वारा विधि सम्मत कार्यो, पारदर्शिता एवं मानवाधिकारो की ओर विशेष ध्यान दिया। इनके कार्यकाल में ऑपरेशन स्माइल, हिल पेट्रोल यूनिट, ई-चालन व्यवस्था, एंटी ड्रग्स टॉस्क फोर्स का गठन आदि महत्वपूर्ण पहल की गई। इसके साथ ही महोदय द्वारा अपने कार्यकाल में पुलिस अधिकारियो व कर्मचारी गणो को दक्ष बनाने के लिये विभिन्न प्रकार की प्रशिक्षण मॉड्यूल भी शुरु कराये गये। जिसमें विगत 03 वर्षों मे व्यावसायिक दक्षता व कार्यकुशलता बढ़ाये जाने के लिये 6225 पुलिस अधिकारी व कर्मचारीगण को बाहर व राजकीय प्रशिक्षण मे सेवाकालीन प्रशिक्षण कराया गया।

इसके साथ ही उत्तराखण्ड पुलिस को तकनीकी रूप से उन्नयन करने के लिये विभिन्न अनुप्रयोग, ड्रोन प्रौद्योगिकी, ई-चालान व्यवस्था का प्रयोग करने में महोदय के दिशा-निर्देशो मे उत्तराखण्ड पुलिस अग्रणी राज्य रहा। इनके द्वारा एक कुशल खिलाड़ी रहते हुए भारत का प्रतिनिधित्व अंतरराष्ट्रीय रोलर हॉकी चैम्पियनशिप वर्ष-1983 में Egypt में किया गया।

इसके साथ ही उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा माउन्ट एवरेस्ट का सफल आरोहण करते हुए उत्तराखण्ड पुलिस देश का पहला ऐसा राज्य बना जिसने माउंट एवरेस्ट का सफल आरोहण किया गया।

इनके दिशा-निर्देशो में विभिन्न बड़े-बड़े आयोजन किये गये। जिसमें मैराथन की प्रतियोगिता उल्लेखनीय है। महोदय के कुशल निर्देशो से उत्तराखण्ड पुलिस कॉमन वेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव की इंडिया जस्टिस रिपोर्ट में उत्तराखंड पुलिस मानव संसाधनों के उपभोग में दूसरे स्थान पर रही।

पहली बार देश के 15000 से अधिक थानो में उत्तराखण्ड पुलिस के 03 थानो देश के टॉप-10 उत्कृष्ठ थानो में स्थान पाया।

NCRB के आंकडो के अनुसार अपराध मे वर्ष 2018 के अनुसार उत्तराखण्ड अन्तिम 24वें स्थान पर रहा जोकि वर्ष 2017 में अन्तिम 26वें स्थान पर रहा था।

 

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