नई दिल्ली। देव उठनी एकादशी पर्व में भगवान विष्णु की अराधना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन जगत के पालनहर्ता भगवान विष्णु नींद से उठते हैं और जगत में अपने मानने वालों के ऊपर अपनी कृपा दृष्टि डालते हैं। आज यह पर्व पूरे देश में मनाया जा रहा है। कुछ स्थानों पर 10 नवंबर को भी इसे एकादशी मनाया गया।
कैसे करें व्रत-पूजन :-
– देव उठनी व्रत में सूर्वोदय के समय उठकर स्नान आदि कर लेना चाहिए।
– व्रत करने वालों को पहले से ही इस व्रत का निश्चय कर सूर्य के निकलते ही अघर्य देनी चाहिए।
– सर्य को अघर्य देने में तुलसी और बेल पत्र आदि का भी उपयोग करना चाहिए।
– ऐसी मान्यता है कि इसी दिन तुलसी का भी विवाह हुआ था।
– देवउठनी व्रत में रात्रि के समय भगवद कथा, पुराण एवं गीत आदि का पाठ करें
– पूजन करने के लिए भगवान का मन्दिर अथवा पूजन स्थल को लता पत्र, फल, पुष्प और वंदनबार आदि से सजाएं।
देवउठनी पूजन का महत्व :-
में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व है। कहते हैं कि इस दिन सारे ग्रह अपनी स्थिति बदलते हैं जिसका मानव जीवन पर अत्धिक प्रभाव पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि देवउठनी व्रत कथा का पाठ करना 100 गायों के दान के बराबर है। विधि व्रत पूजन करने से भक्तों के समस्त पापों का नाश होता है और स्वर्ग की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु का इस दिन पूजन करने से कई जन्मों के पापों का नाश होता है एवं सारी मनोकामना पूरी होती हैं।
अनुराधा सिंह