गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण धीरे धीरे कम हो रहा है। लेकिन लॉकडाउन और अन्य समस्याओं के चलते विकास परियोजनाओं पर भी बुरा असर देखने को मिल रहा है। कई योजनाएं बंद हो चुकी हैं। जिनका कामकाज अभी पूरी तरह से रुका हुआ है। आने वाले दिनों में कब शुरू होगा, अभी कहा नहीं जा सकता।
गोरखपुर में रुक गया विकास कार्य
लॉकडाउन के चलते जहां लोगों का पलायन शुरू हो गया। वहीं श्रमिकों की कमी भी एक बड़ी समस्या हो गई। इसके अतिरिक्त कई ठेकेदार और श्रमिक भी पॉजिटिव हो गए थे। बात गोरखपुर जिले की करें तो यहां पर कलेक्टर कार्यालय और मल्टी लेवल कार पार्किंग शुरू करने की योजना थी, लेकिन यह काम आगे नहीं बढ़ाया जा सका। इसके अलावा फोरलेन और एक्सप्रेसवे के कार्य को तेजी से करने की कोशिश जारी रही, लेकिन अन्य योजनाओं पर इसका असर साफ देखने को मिला।
कई विभाग के कामकाज ठप
लोक निर्माण विभाग से लेकर ग्रामीण अभियंत्रण सेवा, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण की कई योजनाएं प्रभावित हुई है। श्रमिकों के ना मिलने से सबसे ज्यादा निर्माण कार्य पूरा होने में दिक्कत आ रही है। कई भवन जर्जर स्थिति में हैं, जिन्हें दुरुस्त करने के लिए पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध नहीं हैं। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए अधिशासी अभियंता ने बताया कि कई ठेकेदार और श्रमिक भी संक्रमित हो गए थे। जिसके बाद कामकाज काफी प्रभावित हुआ।
लॉकडाउन के कारण श्रमिकों की कमी भी देखने को मिली। अब एक बार फिर रफ्तार मिलती दिख रही है। हालांकि निर्माण कार्य में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे जैसी बड़ी परियोजनाओं पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। इनका काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त मेडिकल रोड पर नाला निर्माण में भी तेजी आई है, लेकिन छोटे निर्माण कार्य और योजनाएं काफी प्रभावित रही।
कोरोना के चलते आयुष विश्वविद्यालय, औद्योगिक गलियारा, वेटरनरी कॉलेज जैसी योजनाएं प्रभावित हुई हैं। इसके अतिरिक्त जीडीए महायोजना, राप्ती नगर विस्तार आवासीय योजना का कामकाज भी आगे नहीं बढ़ सका।