देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में जैसे जैसे सियासी हालत गरम होते जा रहे हैं। उसी के साथ एक बार फिर पहाड़ दलबदल की चर्चाओं से गरम हो गया है। राज्य में अभी दल-बदल को लेकर मौजूदा हरीश रावत सरकार पर खतरों के बादल छटे नहीं है। खबरें आ रही है कि बहुत जल्द कई बड़े कांग्रेसी नेता चुनाव के पहले भाजपा का दामन थाम सकते है।
देखा जाये तो ये स्थिति भाजपा और कांग्रेस दोनों तरफ समान है। विधान सभा चुनाव में अब चंद माह शेष बचे हैं। ऐसे में कई नेताओं की चुनावी रण में कूदने की हसरतें तैरने लगी हैं। अब पार्टी की तरफ वो निगाह लगाएं हैं टिकट के लिए अगर पार्टी ने उनकी इच्छाएं पूरी नहीं की तो वे दल-बदल कर सकते हैं। इससे दोनों ही दल अपने-अपने इन नेताओं को लेकर आशंकित हैं।
फिलहाल कांग्रेस के लिए ये स्थिति काफी नाजुक हालत में हैं। इसी साल मार्च में उसके खेमें में बड़ी बगावत हुई थी जिसके बाद प्रदेश के राजनीति हालात बदल गये थे। हांलाकि प्रदेश में रावत सरकार पर कोई खतरा नहीं है, पर चुनाव के पहले अपने पार्टी के नेताओं के टूटने से पार्टी को बड़ा नुकसान होने की सम्भावना जरूर बन रही है। ऐसे में रावत सरकार अपने सहयोगी दल और पार्टी के बीच तालमेल बनाते हुए अपनी चुनावी बेतरणी पार कैसे लगाएंगे ये तो वक्त ही बताएगा। लेकिन हालते सितम कोई नया कहर ना ढाए इसी चिंता जरूर बनी हुई है।