लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विधानसभा का सत्र चल रहा है। इसमें तमाम दल के नेता अपना सम्बोधन कर रहे हैं। इस लिहाज से विधानसभा के बाहर एजेंसी कड़ी सुरक्षा लगायी गई है कि परिंदा भी पर न मार सके, लेकिन कड़ी सुरक्षा के बावजूद विधानसभा तक विस्फोटक पदार्थ(पीईटीएन) कैसे पहुंचा, इसका जवाब खुफिया व जांच टीम के पास भी नहीं है और वह तहकीकात कर खुलासा करने का दावा कर रहे हैं।
बता दें कि 12 जुलाई को विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान टेबल के नीचे विस्फोटक पदार्थ मिलने से पूरे हाल में अफरा-तफरी मच गई। इस मामले की जांच कर रही एटीएस व खुफिया विभाग की टीम ने एक आरोपी फरहान अहमद को हिरासत में लेकर तहकीकात कर रही हैं। तो वहीं फारेंसिक टीम की जांच में यह पाया गया कि जो विस्फोटक पदार्थ मिला है वह (पीईटीएन) है। इस प्रकार का विस्फोटक पदार्थ आंतकवादी उपयोग करते हैं।
बताया जाता है कि 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए धमाके में यह पदार्थ इस्तेमाल किया गया था। इस मामले को गंभीरता से लेकर विधान सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने जांच की बात कही हैं।
कैसे पहुंचा यह
जांच का यह विषय है कि इतनी सुरक्षा के बावजूद यह विस्फोटक पदार्थ विधानसभा में पहुंचा कैसे? इस मामले की गंभीरता से जांच के लिए विधानसभा में सभी दलों के नेताओं ने एनआईए को लगाये जाने की बात कही गई तो विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने इसके लिए हरी झंडी दी हैं। अध्यक्ष ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी निर्देश दिए हैं।
विधानसभा की सुरक्षा को बढ़ाया जायेगा
विधानसभा में मिलने वाले विस्फोटक पदार्थ को लेकर सभी दल के नेता और सुरक्षा जांच एजेंसी सकते में हैं। विधानसभा की सुरक्षा को लेकर आदित्य नाथ ने तीन लेयर में होने वाली सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाकर तीन गुना करने की बात रखी विधानसभा में रखी हैं।