नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि आंदोलन के दौरान लोग कहते थे की उनकी सारी कमाई बिजली – पानी के बिल में चली जाती है लेकिन, आप की सरकार आई है तब से बिजली के बिल यथावत रखे गए हैं। 2010 में 400 यूनिट खर्च करने पर 1340 रु बिल आता था। 2014 में 2040 रु आता था और 2017-18 में अब 1170 रुपये आता है। ये है दिल्ली की सरकार।
बता दें कि इस मौके पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि एक ईमानदार सरकार का काम जनता के टैक्स के पैसे को पूरी तरह से सरकारी ख़ज़ाने में जमा कर उस पैसे का प्रयोग जनता की भलाई के लिए ख़र्च करना है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने से पहले दिल्ली का बजट 32000 करोड़ रुपए था जो अब 48000 करोड़ रुपए हो गया है। टैक्स बढ़ाने के बजाए हमने दिल्ली के अंदर टैक्स साढ़े सात प्रतिशत घटा दिया| इसके बावजूद राजस्व कलेक्शन में जिस तरीक़े से भारी बढ़ोतरी हुई है, वो ही हमारी सरकार के ईमानदार होने का सबूत है।
वहीं दिल्ली सरकार के मुख्य शासन सचिव अनशुल प्रकाश ने कहा कि जगह के हिसाब से दिल्ली में आबादी बहुत ज्यादा है|इससे गवर्नेंस की चुनौती बढ़ जाती है। हायर एजुकेशन में वृद्धि हुई है| यह सरकार का सबसे प्राथमिक क्षेत्र रहा है। सोशल इंफ्राट्रक्टर में स्वास्थ्य है और इस क्षेत्र में काम हुआ है। अस्पतालों में सुधार हुआ है। बुजुर्गों की पेंशन बढ़ाई गई है। राशन के वितरण में आसानी हुई है। पानी और सड़क पर काम हुआ है, पानी 83% जनसंख्या को पाइप वाटर पानी मिल रहा है। ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में भी हमारा फोकस है। प्रदूषण के लिहाज से मॉनिटरिंग स्टेशन ज्यादा किए हैं। प्रतिदिन एक घण्टे अधिकारी जनता से मिल रहे हैं।