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राज्यमंत्री, श्रम कल्याण परिषद उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में विभागीय बैठक सम्पन्न

sunil bharala 2 राज्यमंत्री, श्रम कल्याण परिषद उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में विभागीय बैठक सम्पन्न

मेरठ। मा0 अक्ष्यक्ष/राज्यमंत्री, श्रम कल्याण परिषद, उ0प्र0 पं0 सुनील भराला की अध्यक्षता में सर्किट हाउस में विभागीय अधिकारियों के साथ अलीगढ़ मण्डल की प्रथम बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया। मा0 अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार श्रमिकों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील एवं गंभीर है। सरकार द्वारा श्रमिकों के कल्याण हेतु विभिन्न प्रकार की लाभकारी योजनाएं सचालित की जा रही हैं जिनका श्रमिकों को समय से लाभ भी प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि किसी श्रमिक की कोई समस्या या शिकायत है तो वह उ0प्र0 श्रम कल्याण परिषद में अपनी बात कह सकता है।

बता दें कि पं0 सुनील भराला मा0 अक्ष्यक्ष/राज्यमंत्री, श्रम कल्याण परिषद ने बताया कि प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री जी द्वारा 29 जनवरी 2019 को बोर्ड का गठन किया गया। प्रदेश भर में लगभग 5.50 लाख वाणिज्य कर प्रतिष्ठान, 17.5 हजार कारखाने आदि बोर्ड में पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि श्रमिकों के कल्याण के लिये मुख्यतः 05 कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा बढ़ोतरी करते हुए 02 नई श्रमिक कल्याणकारी योजनाएं मिल्खा सिंह खेल कल्याण योजना एवं स्वामी विवेकानन्द धार्मिक पर्यटन यात्रा योजना को और जोड़ा गया है। 

वहीं भराला ने बताया कि श्रम कल्याण परिषद द्वारा संचालित 05 योजनाओं के नामों में परिवर्तन करते हुए महापुरूषों के नाम पर क्रमशः- महाराजा हरिश्चन्द्र श्रमिक कल्याण योजना, एपीजे अब्दुल कलाम श्रमिक कल्याण योजना, दत्तोपंत ठेकड़ी श्रमिक कल्याण योजना, महादेवी वर्मा श्रमिक कल्याण योजना एवं महारानी लक्ष्मीबाई श्रमिक कल्याण योजना का नया नाम दिया गया है। परिषद का मानना है कि ठेकेदारों द्वारा भेजे गये श्रमिक को भी संचालित सभी 07 योजनाओं का लाभ सुनिश्चित हो, इस हेतु प्रस्ताव जल्द ही अनुमादनार्थ विधान सभा में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि अब श्रमिक को सभी योजनाओं के लाभ के साथ न्यूनतम मासिक वेतन 21,000 रूपये प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि सरकारी भूमि पर झुग्गी-झोंपड़ियों में निवास करने वाले परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना या अन्य किसी राज्य योजना के तहत लाभान्व्ति किया जाए इस बात को लेकर वह जल्द ही देश के प्रधानमंत्री जी से मुलाकात करने वाले हैं। 

श्रम बोर्ड के सदस्य/दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री ठा0 रघुराज सिंह ने बताया कि श्रमिक बोर्ड का उद््देश्य श्रमिकों को योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ प्राप्त हो, है। श्री सिंह ने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री जी की दूरगामी सोच के परिणामस्वरूप श्रमिक परिवारों को छत मुहैया कराई जा रही है। झुग्गी-झोंपड़ियों में निवास करने वाले परिवारों को शौचालय सहित अन्य बुनियादी सेवाएं प्राप्त कराई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिकों के पुत्र-पुत्रियों को प्राविधिक शिक्षा में प्रवेश पाने पर प्रतिवर्ष सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम हेतु 5000 हजार रूपये, डिप्लोमा पाठ्यक्रम हेतु 8000 रूपये तथा डिग्री पाठ्यक्रम हेतु 10,000 रूपये एकमुश्त दिया जाता है, इसके साथ ही श्रमिकों के मेधावी पुत्र-ु्रत्रियों को पुरस्कार राशि वितरण योजना के तहत 60 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने वाले को 3000 रूपये एकमुश्त तथा 75 प्रतिशत या उससे अधिक पाने वाले को 5000 रूपये एकमुश्त पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है।

उन्होंने बताया कि श्रमिकों की पुत्रियों के विवाह पर कन्यादान के रूप में 15,000 रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसी प्रकार से मृतक श्रमिकों की निराश्रित पत्नियों को 15,000 रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने का प्राविधान है। उन्होंने यह भी बताया कि अन्त्येष्टी योजना के तहत सभी प्रकार की शर्त पूरी करने पर 5000 रूपये का हितलाभ भी दिया जाता है। बैठक में कोल विधायक अनिल पाराशर, अनिल सिंह शेखावत, सदस्य आल इण्डिया हैण्डलूम बोर्ड, पवन खण्डेलवाल, सुरेश लोधी, विभिन्न श्रमिक संगठनों के पदाधिकारीगण एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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