रियो। रियो पैराओलंपिक में भारत के देंवेन्द्र झाझडिया ने भाला भेंक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। देंवेन्द्र 63.97 मीटर दूर जेवलिन फेंक कर अपने पहले बनाए गए रिकार्ड को तोड़ते हुए दूसरा गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके साथ ही वो दो गोल्ड मेडल जीतने वाले वह पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।
बचपन में करंट लगने की वजह से देंवेन्द्र झाझडिया ने अपना एक हाथ गवा दिया था उस समय देंवेन्द्र केवल 8 साल के थे। 2002 में देवेंद्र ने कोरिया में आयोजित 8वीं एफईएसपीआईसी खेलों में गोल्ड मेडल जीता और उसके बाद साल 2004 एथेंस पैराओलंपिक में 62.12 मीटर भाला फेंक कर विश्व रिकार्ड बनाया था। इसके साथ ही साल 2014 में दक्षिण कोरिया में आयोजित एशियन पैरा गेम्स और 2015 विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया। देंवेन्द्र की इस जीत के बाद रियो पैराओलंपिक में भारत को मिले पदको की संख्या 4 चार हो गई हैं जिनमें 2 स्वर्ण, 1 सिल्वर और 1 कांस्य पदक शामिल है। इसके साथ ही 2012 में देंवेन्द्र को भारत सरकार की तरफ से पदम श्री सम्मान से भी सम्मानित किया गया।