दिल्ली के वसंत विहार में UNCHR (यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फ़ॉर रिफ़्यूजीस) के बाहर का पूरा इलाका नारों की आवाज से गुंज रहा है। छोटे छोटे बच्चे और महिलाएं भी प्रदर्शन मे शामिल है। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी उनका प्रदर्शन यूं ही जारी रहेगा। छोटे-छोटे बच्चे अपने भविष्य को लेकर चिंतित है।
बता दें कि वसन्त विहार UNCHR (यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फ़ॉर रिफ़्यूजीस) के बाहर सैकड़ो की तादाद मे अफगानिस्तान मूल के लोगों का दूसरे दिन भी जबरदस्त प्रदर्शन जारी है। छोटे छोटे दर्जनों बच्चे सैकड़ो महिलाएं और पुरुष इस तपती गर्मी मे UNCHR के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैँ। कल कई दौर की मीटिंग UNCHR के अधिकारीयों और प्रदर्शनकारीयों के बिच मे हुई। लेकिन ये वार्तालाप विफल रही।
दरअसल अफगानिस्तान के रहने वाले प्रदर्शनकारी अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। उनका कहना है कि वो सालों से भारत मे रह रहे हैँ और अभी जो हमारे देश अफगानिस्तान की हालात है वैसे मे वो किसी सूरत मे अपने वतन नहीं जा सकते। हाँ ये जरुर है कि उन्हें अपने वतन को छोड़ने का बहुत दुःख है। लेकिन क्या करें वहाँ की ऐसी हालात है। हमारी मांग है कि UNCHR हमारे और हमारे परिवार बच्चों पर तरस खाये और उन्हें वीजा और रिन्फ्यूजी कार्ड बनाकर दे ताकि हम किसी दूसरे देश मे जाकर रोजी रोजगार कर अपने परिवार का पेट पाल सकें।
वहीं जब प्रदर्शन कर रहे बच्चों से बात की गई तो उनका कहना है कि वो पढ़ना चाहते हैँ वो भी डॉ इंजिनियर बनना चाहते हैँ। लेकिन हमारे घर की हालात वैसी नहीं है ना हमारे पापा कोई काम कर सकते हैँ और ना हीं हमारे पास रिन्फ्यूजी कार्ड है। जिससे वो स्कुल मे एडमिशन करा सके। इसलिए UNCHR से निवेदन है कि हमारे भविष्य को देखते हुए हमारी मांगो को पूरा करे।