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Study: कोरोना डेल्टा वेरिएंट ने फिर बदला स्वारूप, एंटीबॉडी कॉकटेल को भी कर सकता है बेअसर

दो महीने बाद देश में कोरोना के सबसे कम आकड़े दर्ज हुए,संक्रमितों की मौत बढ़ा रही चिंता

नई दिल्ली: कोरोना वायरल पूरी तरह से बहरूपिया हो चुका है। हर दिन नए नए रूप अख्तियार कर रहा है। एक बार फिर कातिल कोरोना ने अपना स्वारूप बदला है। इस बार डेल्टा वेरिएंट और ज्यादा खतरनाक हो गया है। एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि कोरोना वायरस डेल्टा+ में बदल गया है। रिसर्च में दावा किया गया है कि रूप बदलने के बाद अब वायरस पर एंटीबॉडी कॉकटेल दवा भी असरदार नहीं रह गया है। यह वायरस अपने आप को डेल्टा प्लस में म्यूटेट कर चुका है। म्यूटेट करने के कारण वायरस का यह रूप और खतरनाक हो गया है।

बता दें कि डेल्टा वेरियंट (B.1.617.2) को अब तक का सबसे संक्रामक वायरस बताया जा रहा था। दूसरी लहर को तेजी से बढ़ने के लिए वैज्ञानिक इस वेरिएंट को अहम कारक मान रहे हैं।

इंग्लैंड में डेल्टा+ के 63 जीनोम की पहचान

एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन सरकार के स्वास्थ्य विभाग की एक कार्यकारी एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने डेल्टा वर्जन के 63 जीनोम की पहचान की है।

भारत में डेल्टा प्लस के 6 मामले

बता दें कि कोरोना वैरिएंट पर पिछले शुक्रवार तक अपडेट की गई रिपोर्ट में भारत ने डेल्टा प्लस के 6 मामले दर्ज किए थे। डेल्टा प्लस के मामले सामने आने के बाद वैज्ञानिकों के बीच एक बार फिर चिंता की स्थिति बन गई है।

मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल क्या है?

मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल कैसिरिविमैब और इम्डेविमैब से बना है। इसे फार्मा कंपनी सिप्ला और रोश इंडिया ने मिलकर बनाया है। भारत में इसे कोरोना के इलाज के इमरजेंसी यूज के लिए मई में मंजूरी मिली थी। इसे अमेरिका और यूरोपियन यूनियन में इमरजेंसी यूज के लिए दिए गए डेटा के आधार पर सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन से अप्रूवल मिला था।

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