दिल्ली में दीपावली के तीसरे दिन भी पॉल्यूशन का स्तर रेड जॉन में बरकरार है। पॉल्यूशन के स्तर में गिरावट नहीं दिखी है। एयर क्वालिटी इंडेक्स नापा गया 356 है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नही हैं। आम जनता को पॉल्यूशन के बढते स्तर से परेशानी हो रही।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पाबंदी और राज्य सरकारों के दावों को ‘धुआं धुआं’ करते हुए जमकर आतिशबाजी के बाद दिल्ली और पड़ोसी राज्यों की हवा दमघोटू हो गई। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बृहस्पतिवार रात से ही 400 के पार चला गया और शुक्रवार को गंभीर श्रेणी में 450 के ऊपर पहुंच गया। सबसे खराब हवा नोएडा (475 एक्यूआई) रही। सवेरे दिल्ली का कुल औसत एक्यूआई 533 दर्ज किया गया है।
दिवाली की अगली सुबह पूरा दिल्ली-एनसीआर और पड़ोसी राज्यों पर स्मॉग की मोटी परत छाई रही। लोगों को खुले में सांस लेना मुश्किल हो रहा था। गले में खराश, आंखों में जलन व आंसू निकल रहे थे। सांस के मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि हम जश्न के नाम पर किसी की जान जोखिम में नहीं डालने की अनुमति नहीं दे सकते।
कोर्ट ने सिर्फ हरित पटाखों के इस्तेमाल की छूट दी थी। जबकि दिल्ली सरकार ने खराब होती हवा के मद्देनजर दिवाली पर पटाखों की बिक्री, स्टॉक करने व उपयोग पर प्रतिबंध लगा रखा था। इन सबके बावजूद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिवाली की शाम से ही पटाखे चलने लगे और जैसे-जैसे रात चढ़ती गई आतिशबाजी तेज हुई और पूरा आसमान धुएं से ढक गया।