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दिल्ली: सीलिंग के मुद्दे पर राजनीति तेज, केजरीवाल ने भूख हड़ताल की धमकी दी

दिल्ली: सीलिंग के मुद्दे पर राजनीति तेज, केजरीवाल ने भूख हड़ताल की धमकी दी

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एमसीडी द्वारा लगातार की जा रही सीलिंग की कार्रवाई से राजनीति तेज हो गई है। सीलिंग के चलते दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने आ गए हैं और दोनों ही  इस मुद्दे का ठोस हल निकालने के बजाए एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है और साथ ही समाधान न निकलने पर भूख हड़ताल की धमकी दी है। सीएम ने सीलिंग के मुद्दे पर पीएम मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चिट्टी भी लिखी है, जिसमें उन्होंने संसद में बिल लाकर इस समस्या के समाधान की मांग की है। केजरीवाल ने कहा कि अगर 31 मार्च तक सीलिंग नहीं रोकी गई या केंद्र सरकार इस मामले पर विधेयक नहीं लाई तो मैं दिल्ली की जनता के लिए भूख हड़ताल पर बैठ जाउंगा।दिल्ली: सीलिंग के मुद्दे पर राजनीति तेज, केजरीवाल ने भूख हड़ताल की धमकी दी

चिट्टी में केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में व्यापारियों की दुकाने सील की जा रही है। ये व्यापारी ईमानदारी से दुकान चलाते हैं और सरकार को टैक्स देते हैं। सीलिंग का कारण कानून में विसंगतियां है इसलिए इन विसंगतियों को दूर करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, जिसका एक ही समाधान है और वो है संसद में सीलिंग पर बिल लेकर आए और इन विसंगतियों को दूर करे और हजारों व्यापारियों को बेरोजगार होने से बचाया जाए। दरअसल दिल्ली में निर्माण के लिए एमसीडी से इजाजत लेनी पड़ती है, लेकिन दिल्ली के अलग-अलग इलाको में अवैध निर्माण की शिकायकों के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने साल 2005 में एक्शन का आदेश दिया था। उस दौरान एमसीडी का लचीला रवैया देखकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में अवैध निर्माण की सीलिंग करने के आदेश जारी किए।

इसके बाद दुकानों या कमर्शियल प्रॉपर्टी को सीलिंग से बचाने के लिए सरकार ने कन्वर्जन चार्ज का प्रावधान किया। कारोबारियों ने ये चार्ज अदा करने में भी लापरवाही दिखाई, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी दुकानों या प्रॉपर्टी को सील करने का आदेश दिया और इसके लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया। अब मॉनिटरिंग कमेटी की देखरेख में ऐसी दुकानों को सील किया जा रहा है, जिन्होंने कन्वर्जन चार्ज जमा नहीं कराया है। कन्वर्जन चार्ज न देने वालों का निर्माण अवैध होने पर उसे गिराने का भी आदेश है। नगर निगम की इस कार्रवाई को मास्टर प्लान 2021 का हिस्सा बताया जा रहा है। इसके तहत खान मार्केट और डिफेंस कॉलोनी जैसे पॉश इलाकों में कार्रवाई की जा रही है, जिससे व्यापारियों पर संकट आ गया है।

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