नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में सेमिनार को लेकर दो अलग-अलग विचारधाराओं की लड़ाई अब पुलिस मुख्यालय तक पहुंच गई है। वामपंथ समर्थित छात्र संगठनों के कार्यकर्ता छात्र-छात्राएं दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर एकत्र हुए और बुधवार को रामजस कॉलेज में हुई मारपीट को लेकर पुलिस से एफआईआर दर्ज कराने की मांग करते हुए आजादी-आजादी के नारे लगाए। बाद में पुलिस उच्चाधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात की और उन्हें शिकायत दर्ज कराने को कहा, लेकिन प्रदर्शनकारी छात्रों में से कोई आगे नहीं आया।
प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग थी कि पुलिस रामजस कॉलेज में बुधवार को हुई झड़प में सभी एबीवीपी कार्यकार्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और उन्हें जेल भेजा जाए। इस पर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी छात्रों से कहा कि वो पूरी घटना के सबूत शिकायत के साथ दें। जिससे पुलिस कार्रवाई कर सके।
दिल्ली विवि के रामजस कॉलेज के अंग्रेजी साहित्य विभाग ने बस्तर में आदिवासियों के हालात पर 21-22 फरवरी को एक सेमिनार का आयोजन किया था। जहां जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के आरोपी छात्र उमर खालिद को वक्ता के रुप में बुलाया गया था। इसका कॉलेज और विवि के छात्रों ने विरोध किया था। बुधवार, 22 फरवरी को विवि कैम्पस में देश विरोधी नारे लगाने के आरोपी उमर खालिद के समर्थक समूह और राष्ट्रवादी छात्रों के समूह के बीच झड़प हुई। वामपंथी दलों के समर्थित छात्रों का कहना है कि उनकी एबीवीपी और अन्य छात्रों ने पुलिस की मौजूदगी मे खूब पिटाई की।