दिल्ली में डीपीसीसी यानी दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने जल प्रदूषण को रोकने के लिए दुर्गा पूजा के दौरान मूर्तियों के विसर्जन पर यमुना नदी सहित राष्ट्रीय राजधानी के जलाशयों में विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही नियम का उल्लंघन करने वाले आयोजकों व लोगों को ₹50000 का जुर्माना देना होगा। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को जमा करनी होगी।
Under Section 33A of the Water (Prevention and Control of Pollution)Act, 1974 @DPCC_pollution issued directions for the immersion of idols on the #festive occasion of Durga pooja, etc.#DurgaPuja2021 #Delhi #WaterIsLife #GoGreen #ecofriendly @jayachandran_ks @moefcc @DrGargava pic.twitter.com/PbZKD1aqc2
— Delhi Pollution Control Committee (@DPCC_pollution) October 13, 2021
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि “ऐसे जल निकायों का परिणामी प्रदूषण चिंता का विषय बनता जा रहा है। मूर्ति निर्माण में उपयोग होने वाले जहरीले रसायन जल प्रदूषण जैसी कंपनी समस्या उत्पन्न कर सकते हैं जिससे जल की गुणवत्ता में काफी गिरावट का आकलन किया गया है। डीपीसीसी द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि जैव रासायनिक ऑक्सीजन की मांग और भारी धातु एकाग्रता के संबंध में पानी की गुणवत्ता में गिरावट आती है।”
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने सुझाव देते हुए कहा है कि जल प्रदूषण की बजाएं मूर्ति विसर्जन अनुष्ठान घर के परिसर में बाल्टी व कंटेनर में किया जा सकता है।
साथ ही डीपीसीसी ने यह भी फैसला सुनाया था, कि मूर्तियां केवल प्राकृतिक सामग्री से बनाई जाए जैसा के पवित्र लिपियों में उल्लेखनीय है।
मूर्ति निर्माण में पकी हुई मिट्टी,प्लास्टिक ऑफ पेरिस यानी पीओपी के उपयोग पर रोक लगाई है। साथ ही मूर्तियों को रंगने के लिए गैर विषैले और पानी में घुलनशील रंग के उपयोग करने की सलाह दी है।