नई दिल्ली। मेट्रो के बढ़े हुए किराए को लेकर दिल्ली विधानसभा का सोमवार को विशेष सत्र बुलाया गया है। जिसमें भारी हंगामा किया जा रहा है। आम आदमी पार्टी के विधायकों और बीजेपी विधायकों के बीच जमकर नारेबाजी की जा रही है। सत्र में हंगामा तो इस कदर बढ़ गया कि बीजेपी के दो विधायकों ने वहां से वॉकआउट करना ही बेहतर समझा। यहां तक की बीजेपी विधायक मुख्यमंत्री के खिलाफ धरना भी दे रहे हैं।

सत्र में मेट्रो का किराया घटने की आम आदमी पार्टी के विधायक बीजेपी से मांग कर रहे हैं। जिसके जवाब में बीजेपी की तरफ से पेट्रोल में वैट कम करने की मांग की जा रही है। वही सीएम केजरीवाल के खिलाफ धरना दे रहे बीजेपी विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र के दौरान गलत भाषा का इस्तेमाल किया है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल की तरफ से केंद्रीय आवास तथा शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी को एक पत्र लिखा गया है जिसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार मेट्रो घाटे का आधा हिस्सा देने के लिए तैयार है लेकिन इसमें एक शर्त भी दी गई है। शर्त के तौर पर कहा गया है कि दिल्ली मेट्रो में किराय में बढ़ोतरी को थामने के लिए परिचालन घाटे का आधा हिस्सा केंद्र सरकार को देना होगा। हालांकि इससे पहले मंत्री हरदीप सिंह पुरी की तरफ से शुक्रवार को लिखे पत्र में मेट्रो को साल में 3 हजार करोड़ रुपए के घाटे की बात कही गई थी।
वही अगर केजरीवाल सरकार की तरफ से घाटे की भरपाई की जाती है तो किराय में बढ़ोतरी रुक भी सकती है। लेकिन दिल्ली सरकार ने यह बात मानी तो है लेकिन आधा भरपाई केंद्र की तरफ से होने पर। ऐसे में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 50-50 का दाव खेला है। अगर ऐसा होता है तो सालाना 3 हजार करोड़ रुपए के घाटे में 1500 करोड़ रुपए दिल्ली तथा 1500 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाएगा।