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दिल्ली हाईकोर्ट ने द्वारका कोर्ट के दो जजों को भ्रष्टाचार के आरोपों में किया सस्पेंड

dwarka court

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने द्वारका कोर्ट के दो जजों को भ्रष्टाचार के आरोपों में सस्पेंड कर दिया है। दोनों पर केस से जुड़े आरोपी से पैसे लेने का आरोप है। द्वारका कोर्ट में तैनात एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज(एडीजे) जितेंद्र मिश्रा और दूसरे स्पेशल जज इलेक्ट्रिसिटी नवीन अरोड़ा हैं।

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बता दें कि एडीजे जितेंद्र मिश्रा पर आरोप है कि वो फिक्सड डिपॉजिट के प्री-मैच्योर रिलीज के लिए दस फीसदी रिश्वत मांग रहे थे। वहीं नवीन स्पेशल जज इलेक्ट्रिसिटी नवीन अरोड़ा पर आरोप है कि उनकी विदेश यात्रा किसी तीसरे पक्ष द्वारा प्रायोजित थी। दोनों मामले की जांच पूरी होने तक सस्पेंड रहेंगे।

वहीं भ्रष्टाचार के आरोपों पर दिल्ली हाईकोर्ट इसके पहले भी जजों पर कार्रवाई कर चुकी है। हाईकोर्ट ने इसी वर्ष नौ अगस्त को जज नीतेश गुप्ता को तीस हजारी कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट का चार्ज लेने से चार दिन पहले बर्खास्त कर दिया था। नीतेश गुप्ता प्रोबेशन पर थे। नीतेश गुप्ता को करीब 5.73 करोड़ रुपये के बिना ब्याज के लोन मिले थे। इसके बारे में हाईकोर्ट द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया, जिसके बाद हाईकोर्ट की फुल कोर्ट ने उन्हें बर्खास्त कर दिया। हाईकोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ नीतेश गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी याचिका सुनने से इंकार कर दिया था।

तीस हजारी कोर्ट की सीनियर सिविल जज रचना तिवारी लखनपाल को पिछले साल 28 सितम्बर की रात सीबीआई ने रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था जिसके बाद हाईकोर्ट ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था। रचना लखनपाल ये रिश्वत वकील से ले रही थी, जिसे वो एक केस में लोकल कमिश्नर नियुक्त कर रही थीं। फिलहाल वे जमानत पर हैं लेकिन हाईकोर्ट ने उनका निलंबन चार महीने के लिए और बढ़ा दिया है।

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