नई दिल्ली। अभी तक इस बात की पुष्टी नहीं हुई है कि क्या दिल्ली के करोल बाग और झंडेवालान के बीच विशान हनुमान मुर्ती को एयरलिफ्ट किया जा सकता है। बीते सेमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने एमसीडी और सिविस एजेंसियों से ऐसी संभावनाएं तलाशने का निर्देश दिया है। करोल बाग की सड़कों पर लगातार अतिक्रमण बढ़ रहा है जिसको लेकर कोर्ट एक पब्लिक पिटीशन पर सुनवाई कर रहा है। दिल्ली हाई कोर्ट का कहना है कि करोल बाग और झंडेवालान के बीच करीब डेढ़ दशक पुरानी 108 फुट ऊंची हनुमान मुर्ती को एयरलिफ्ट किया जा सकता है या नहीं। इस पर सिविक एजेंसिया और एमसीडी अपनी रिपोर्ट दे। इस बारे में उपराज्यपाल से भी मीटिंग करें।
बता दें कि हाईकोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी। हरिशंकर की बेंच ने कहा कि अमेरिका में भी कई जगहों पर ऊंची-ऊंची बिल्डिंगें एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट की जाती हैं। क्या हम भी ऐसा कर सकते हैं? हाईकोर्ट ने सिविक एजेंसियों को फटकार लगाते हुए पूछा कि सिविक एजेंसी दिल्ली की कोई एक जगह बता दे, जहां पर अतिक्रमण न हुआ हो और जहां ट्रैफिक नियमों का पालन होता हो।
वहीं हनुमान मूर्ति के आसपास अतिक्रमण हटाने का मुद्दा तब सामने आया। जब सिविक एजेंसियों ने हाईकोर्ट से संबंधित इलाके के एक थाने से जुड़े आदेश में संशोधन की मांग की। 15 नवंबर तक अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन हाईकोर्ट ने इसमें बदलाव करते हुए सुनवाई की अगली तारीफ 24 नवंबर तय की है।