नई दिल्ली। हमारी सरकार ने सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बीच अंतर को कम किया है और सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाया है। यह बात शुक्रवार को करीब चार महीने के बाद मीडिया के सामने आए दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कही है। दिल्ली सरकार द्वारा हाईकोर्ट में हलफनामा दर्ज किया गया था और कहा गया था कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा बनाई गई समिति की सिफारिश प्राइवेट स्कून नहीं मान रहे हैं।
सीएम केजरीवाल ने 449 प्राइवेट स्कूलों पर मनमानी करने का आरोप लगाया है और कहा है कि प्राइवेट स्कूल लगातार कानून का उल्लंघन करने में लगे हुए हैं, कारणवश दिल्ली सरकार स्कूलों को टेकओवर करने की तैयारी कर रही है। सीएम केजरीवाल के अनुसार शिक्षा व्यवस्था सरकार का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा है कि पहले सरकारी तथा प्राइवेट स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में काफी अंतर था लेकिन दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को कई हद तक सुधारा है। उन्होंने कहा है कि प्राइवेट स्कूलों में केवल अमीरों के बच्चे पढ़ते थे।
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट की बनाई गई अनिल देव सिंह समिति ने प्राइवेट स्कूल में मनमानी फीस वसूलने तथा स्कूलों तथा कुछ स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए कहा था। लेकिन इसमें देखने वाली बात यह रही है इसे कुछ स्कूलों ने तो मान लिया था लेकिन ज्यादातर स्कूलों ने इसे नहीं माना था। सीएम केजरीवाल के अनुसार दिल्ली सरकार प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा है कि अगर प्राइवेट स्कूल मनमानी और कानून का उल्लंघन करते हैं तो उन पर दिल्ली सरकार जरूर कार्रवाई करेगी।