नई दिल्ली। आप के कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्य सचिव के साथ मारपीट के मामले में अब दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि गुरूवार शाम 3 बजे होने वाली प्रश्नोत्तर कमेटी की मीटिंग में दिल्ली के मुख्य सचिव शामिल नहीं होंगे। कहा गया है कि इस बैठक में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के दफ्तर से कोई नहीं जाएगा। कमेटी को जो भी जानकारी चाहिए, वह किसी अन्य अधिकारी से ले सकती है।
बता दें कि दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुख्य सचिव के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। इस मामले में आप के दो विधायक प्रकाश जरवाल और अमानातुल्ला खान मुख्य सचिव से मारपीट का आरोप है। वहीं, केजरीवाल पर भी आरोप लगे हैं कि उनकी मौजूदगी में मुख्य सचिव से बदसलूकी और हाथापाई हुई, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। इन आरोपों से इनकार करते हुए बीते बुधवार को दिल्ली सीएम ने कहा अरविंद केजरीवाल ज़िद्दी हो सकता है, मगर हिंसक नहीं।
वहीं मुख्य सचिव के साथ मारपीट के आरोपों को खारिज करते हुए केजरीवाल ने कहा कि हम कभी मारपीट नहीं करेंगे और अपने लोगों से क्यों करेंगे? आपस में लड़ लेंगे, झगड़ लेंगे। हम मारपीट क्यों करेंगे?” दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि सीएम आवास में मीटिंग के दौरान उनके साथ आप विधायकों ने बदतमीजी और हाथापाई की। उनके मुताबिक, वह 19 फरवरी की देर रात एक बैठक में शामिल होने के लिए सीएम हाउस गए थे। राशन के एक मामले को लेकर बहस हुई, जिसके बाद सीएम केजरीवाल के सामने आप विधायकों ने उनके साथ मारपीट की। मुख्य सचिव के मेडिकल रिपोर्ट में भी उनके साथ मारपीट की पुष्टि हुई है। मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के चेहरे और कंधे पर चोट के निशान मिले हैं।
साथ ही मुख्य सचिव ने दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय से मामले की शिकायत की थी। जिसके बाद देवली से आप विधायक प्रकाश जरवाल और ओखला से आप विधायक अमानातुल्ला खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और पुलिस ने प्रकाश जरवाल को गिरफ्तार किया। बाद में अमानातुल्ला खान ने भी सरेंडर कर दिया। फिलहाल दोनों न्यायिक हिरासत में हैं। फिलहाल मामले की जांच जारी है।