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दिल्ली में ऑटो, टैक्सी ड्राइवर्स की भूख हड़ताल

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नई दिल्ली। दिल्ली में लगभग 20 यूनियनों के ऑटो रिक्शा और पीली टैक्सियों के ड्राइवर्स ने बुधवार को ‘बेमियादी भूख हड़ताल’ शुरू कर दी है। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हड़ताल को प्रायोजित करने का आरोप लगाया है। खबरें मिली हैं कि हड़तालियों ने यात्रियों को ले जा रहे कुछ ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स को जबदस्ती रोक दिया।

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एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने केजरीवाल द्वारा अपने ट्विटर खाते से साझा किए वीडियो में कहा, “हम यात्रियों को ले जाना चाहते हैं और अपने ऑटो चलाना चाहते हैं, लेकिन कुछ लोग सड़कों पर चल रहे वाहनों के साथ तोड़-फोड़ कर रहे हैं।”

ड्राइवर ने कहा, “यहां तक कि पुलिस भी हमें सुरक्षा प्रदान नहीं कर रही। इसलिए हम यात्रियों को नहीं ले जा रहे।”

केजरीवाल ने बुधवार सुबह आरोप लगाया था कि भाजपा उन हड़ताली ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स का समर्थन कर रही है जो अन्य ड्राइवरों को अपने वाहन चलाने से जबरन रोक रहे हैं।

केजरीवाल ने कहा, “भाजपा के गुंडे ऑटो और टैक्सी चलने से रोक रहे हैं। भाजपा दिल्ली को पंगु बनाना चाहती है। इसे एलजी (उपराज्यपाल) और दिल्ली पुलिस का समर्थन मिल रहा है।”

दिल्ली के परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली पुलिस पर टैक्सी चालकों को वाहन चलाने से जबरन रोकने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। इसी बीच, ऑटो और टैक्सी यूनियनों की संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसीएटीयू) के अध्यक्ष राजेंद्र सोनी ने केजरीवाल के दावों का खंडन करते हुए उनकी सरकार को ‘सबसे बड़ा गुंडा’ कहा।

सोनी ने आईएएनएस को बताया, “केजरीवाल सरकार देशभर में सबसे बड़ी गुंडी है।”

सोनी ने कहा, “हम गुंडे नहीं हैं, केजरीवाल, उनकी पार्टी और उनकी सरकार गुंडी हैं। वे अपनी नाकामियां छिपाने के लिए ऐसी हरकतें करते हैं।”

सोनी ने वाहन चलाने से जबरन रोके जाने के कुछ ड्राइवर्स के दावों के बारे में कहा, “वे (आप) हमारी हड़ताल को नाकाम करने के लिए हमारे खिलाफ साजिश कर रहे हैं। ऐसी गतिविधियों में सम्मिलित लोग हमारे लोग नहीं हैं, बल्कि उनके (आप के) लोग हैं।”

सोनी ने कहा, “क्या आपने उनके विधायकों और नेताओं को दुर्व्यवहार और यौन शोषण के मामलों में जेल जाते नहीं देखा।” उन्होंने कहा, “हम तब तक अपनी भूख हड़ताल जारी रखेंगे, जब तक कि वे हमारी मांगें स्वीकार नहीं कर लेते।”

एक अन्य ऑटो रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष संजय चावला ने आईएएनएस को बताया, “ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स और टैक्सी ड्राइवर्स अन्य ड्राइवर्स के खिलाफ लड़ाई में शामिल नहीं होते, बल्कि एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। जो लोग ऐसी गतिविधियों में शामिल होते हैं, वे कुछ शरारती तत्व हैं।”

चावला ने कहा, “ड्राइवर्स ने अन्य ड्राइवर्स से हड़ताल में शामिल होने का आग्रह किया है।”

वहीं, ऑटो हड़तालियों के एक वर्ग की गुंडागर्दी के कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

मेडिकल छात्र प्रवीण यादव ने आईएएनएस को बताया, “मैं पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर से आनंद विहार अंतर्राज्यीय बस अड्डा जा रहा था। तभी गाजीपुर के नजदीक कुछ लोगों ने उस ऑटो को रोक दिया, जिसमें मैं बैठा था और उसके चालक को हड़ताल में शामिल होने को कहा।”

उन्होंने आगे कहा, “मुझे गाजीपुर में ऑटो से उतरना पड़ा और एक दोस्त की मदद से मैं बस अड्डे पहुंच पाया।”

जबरन ऑटो रोकने की ऐसी ही घटनाएं साकेत, भजनपुरा, सरोजिनीनगर और कोंडली इलाकों में भी देखी गई।

करीब एक लाख ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालक मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। बुधवार को भी कई चालकों ने अपने वाहन सड़क पर नहीं उतारे हैं।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे एप आधारित टैक्सी सेवाओं के खिलाफ हड़ताल पर हैं। वे दिल्ली सरकार से एप आधारित टैक्सी सेवाओं की दरें तय करने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली में करीब 90,000 ऑटो रिक्शा और 15,000 पारंपरिक पीली टैक्सियां चलती है।

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