उत्तराखंड featured राज्य

दून मेडिकल कलेज में महिला ने शौचालय में बच्चे को जन्म दिया, उपचार के दौरान नवजात की मौत

दून मेडिकल कॉलेज2 दून मेडिकल कलेज में महिला ने शौचालय में बच्चे को जन्म दिया, उपचार के दौरान नवजात की मौत

उत्तराखण्डः सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का दावा कर रही है। वहीं विभागीय अधिकारी और कर्मचारी सरकार के दावों को पलीता लगाने में जुटे हैं। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते राजधानी के दून मेडिकल कालेज अस्पताल में एक महिला ने शौचालय में बच्चे को जन्म दिया। उपचार के दौरान नवजात की मौत हो गयी। दून अस्पताल में लापरवाही के चलते ये डेढ़ महीने के दौरान तीसरा मामला है। इससे पहले भी लापरवाही के चलते दो महिलाओं के फर्श पर बच्चे को जन्म देने के मामले सामने आ चुके हैं।

 

दून मेडिकल कॉलेज2 दून मेडिकल कलेज में महिला ने शौचालय में बच्चे को जन्म दिया, उपचार के दौरान नवजात की मौत
दून मेडिकल कालेज में महिला ने शौचालय में बच्चे को जन्म दिया, उपचार के दौरान नवजात की मौत

इसे भी पढ़ेःस्वास्थ्य विभाग का लिंग परीक्षण कर रहे हॉस्पिटल पर छापा

उत्तराखण्ड के सबसे बड़े और राजधानी के मुख्य अस्पताल में हालात काफी खराब नज़र आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी और लापरवाही प्रसूताओं की जान पर भारी पड़ रही है। वहीं इस मामले में अस्पताल प्रबंधन जांच और व्यवस्थाओं में सुधार की बात कह रहा है। हालांकि इससे पहले के मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दून मेडिकल कालेज अस्पताल के डायरेक्टर एजुकेशन आशुतोष सयाना ने कार्रवाई की बात करते हुए कहा कि जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।सबकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।

इसे भी पढ़े-कपिल ने फिर साधा केजरीवाल पर निशाना, लगाया स्वास्थ्य विभाग में घोटाले का आरोप

वंही मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रदीप भारती गुप्ता का कहना है पिछले दिनों जो भी घटनाएं हुईं हैं उनमें जो भी कारण रहे उनका बखान कर ठीकरा मरीजों के सर पर ही फोड़ दिया। साथ ही अन्य सरकारी अस्पतालों से नॉर्मल मरीजों को भी दून अस्पताल रेफर करने के कारण यहां पर मरीजों का बोझ बढ़ जाता है। जिस कारण समस्याएं आ रही है।

विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है

इस मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के पास है। वे ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर राजधानी में जब ये हालात हैं तो प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य की क्या स्थिति होगी। इसका अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है। राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर चल रही है। साथ ही प्रीतम ने कहा कांग्रेस ने राज्यपाल से भी इसकी शिकायत की है।

कांग्रेस के कई कार्यकर्ता धसमना के साथ अस्पताल पहुंचे

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धसमना ने भी स्वास्थ्य विभाग और सरकार पर सबाल खड़े किये। जैसे ही बच्चे के मृत होने की खबर मिली कांग्रेस के कई कार्यकर्ता धसमना के साथ अस्पताल पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों और पीड़ित से वार्ता की उसके बाद अस्पताल प्रशासन की आंख खुली, उसके पहले यहां के अधिकारियों को इस बारे में स्टाफ ने बतया तक नहीं था। बता दें कि दून मेडिकल कालेज अस्पताल उत्तराखण्ड का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां उत्तराखण्ड के दूरस्थ क्षेत्रों के अलावा उत्तर प्रदेश और हिमाचल की सीमा से सटे जिलों के लोग भी इलाज के लिए आते हैं। अस्पताल प्रबन्धन की इस तरह की लापरवाही मरीजों की जान पर भारी पड़ रही है।

देखें वीडियोः

महेश कुमार यादव

Related posts

मेरठ में मुस्लिम परिवारों ने किया पलायन का एलान, साम्प्रदायिक तनाव को बताई मुख्य वजह

Ankit Tripathi

प्रज्ञा सिंह को चुनाव आयोग ने भेजा नोटिश, बाबरी मस्जिद गिराने पर दिया था बयान

bharatkhabar

बालिक लड़की की सहमति से शारीरिक संबंध बनाना अपराध नहीं लेकिन अनैतिक : इलाहबाद हाईकोर्ट

Rahul