नई दिल्ली। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अरूणाचल प्रदेश के दौरे पर गई हुई है। रक्षा मंत्री के इस दौरे का चीन ने विरोध किया है। चीन ने सीतारमण के दौरे का विरोध करने के लिए विवादित क्षेत्र का हवाला देते हुए कहा कि भारत की रक्षा मंत्री को अरुणाचल प्रदेश का दौरा नहीं करना चाहिए। बता दें कि इससे पहले चीन बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश दौरे का भी विरोध कर चुका है। चीन का कहना है कि अरुणचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है, इसलिए भारत को दलाई लामा और उसकी गुटता को समझना चाहिए। गौरतलब है कि रक्षा मंत्री ने चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश के सुदुर अंजॉ जिले में सेना की अग्रिम चौकियों का दौरा किया है। इसी के साथ मंत्री ने चीन सीमा पर रक्षा तैयारियों का भी जायजा लिया।
रक्षामंत्री के इस दौरे में उनके साथ पूर्वी कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ले. जनरल अभय कृष्ण तथा सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी साथ थे। रक्षा प्रवक्ता संवित घोष ने एक विज्ञप्ति में बताया कि रक्षामंत्री को वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थिति और रक्षा तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री ने अजॉ जिले के किबिथु में सेना की अग्रिम चौकियों पर जवानों से बातचीत की और ऐसे सुदूर क्षेत्र तथा प्रतिकूल भूभाग में उनकी प्रतिबद्धता और उनके प्रयासों की सराहना की.निर्मला शनिवार को राज्य के दो दिवसीय दौरे पर पहुंची थीं।
रक्षामंत्री ने असम के तिनसुकिया में चबुआ स्थित वायुसेना बेस का भी दौरा किया और बुनियादी ढांचा तथा तैयारियों का जायजा लिया. वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी अगवानी की। इसके पहले अरुणाचल दौरे के पहले दिन रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य में तीन सैनिक स्कूलों के निर्माण के लिए सिद्धांतत मंजूरी दे दी. सीएमओ की तरफ से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि प्रस्तावित सैनिक स्कूल पूर्वी सियांग जिले के तवांग, पासीघाट और तिरप-चांगलांग-लांगडिंगॉ जिले में बनेगा।