नई दिल्ली। डोकलाम को लेकर लगातार चीन और भारत के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। बुधवार को भारत छोड़ो आंदोलन की 75 वीं वर्षगांठ पर देश के रक्षामंत्री अरूण जेटली ने संसद के सत्र को सम्बोधित करते हुए चीन और भारत की डोकलाम की स्थिति का जिक्र करते हुए चीनी मीडिया की धमकी का जबाब देते हुए कहा कि आज देश में 1962 जैसे हालात नहीं हैं।
रक्षामंत्री ने साफ कहा कि देश ने 1962 से सबक सीखते हुए अपनी नीतियों और सीमाओं की रक्षा के लिए राजनीतिक सजगता को अब बदल दिया है। देश की सुरक्षा के साथ हम किसी भी कीमत पर कोई समझौता नहीं करेंगे। अगर कोई युद्ध जैसे हालात होंगे तो उसका माकूल जबाव दिया जायेगा। 1962 में हुई हार से हमने सबक लेते हुए 1965 फिर 1972 और 1999 में पाकिस्तान को करारी मात दी है।
अगर कोई गलतफहमी पाल रहा है तो वक्त आने पर उसे भी करारा जबाव मिलेगा। देश में आतंकवाद के साथ सीमा सुरक्षा को लेकर लगातार चुनौतियां मिल रही हैं। हमारे दो बड़े नेता इस आतंकवाद का शिकार हो चुके हैं। इसके बाद से देश ने इसके खात्मे का संकल्प ले लिया है। हम इसी दिशा में प्रयासरत हैं।
हांलकि बीते 50 दिनों से सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके को लेकर भारतीय सैनिक और चीनी सैनिक आमने-सामने हैं। चीन की तरफ से भारत को उसकी मीडिया कई बार चेतावनी के साथ धमकी देती जा रही है। इस मामले में हाल में चीनी सरकारी अखबार ने युद्ध तक की धमकी दे डाली है।