नई दिल्ली। भारत अपने पड़ोसी मुल्क से करीब 70 सालों से लगातार खतरे का सामना कर रहा है। इसलिए देश की सुरक्षा को लेकर तैयारियां मजबूत होनी चाहिए। ये बातें रक्षामंत्री अरूण जेटली ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग के पास देश के पहले स्वदेश में विकसित मानवरहित और मानव संचालित विमानों के परीक्षण रेंज के उद्घाटन समारोह में कहीं। उन्होने ने कहा कि देश का पड़ोसी मुल्क 7 दशकों से देश की सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है। इस स्थित से निपटना है तो हमारी तैयारियां सर्वोच्च होनी चाहिए।
रक्षामंत्री जेटली ने कहा कि ये विमान परीक्षण केन्द्र देश में अपनी तरह का पहला स्थल है। यहां पर विमानन के साथ रक्षा से जुड़ी हर तैयारियों का परीक्षण होगा। इससे पहले डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी के नौवें दीक्षांत समारोह ने रक्षामंत्री ने बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत को रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाने की आवश्यकता है। देश को आंतकवाद और देश के भीतर कार्य कर रही असमाजिक ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए ठोस तैयारियों की जरूरत है।
उन्होने कहा कि हम अपने पड़ोसी तो नहीं बदल सकते तो कमसे कम अपनी तैयारियां को मजबूत तो कर सकते हैं। रक्षा के क्षेत्र में निजी कम्पनियों को लाने की सरकार कोशिशें कर रही है। लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि हम अपनी रक्षा की जरूरतों को लिए दूसरों पर निर्भर करें। देश के हालात ऐसे हैं कि हमें रक्षा के क्षेत्र में रक्षा विनिर्माण बनने की जरूरत है। हमारे देश में आईआईटी और डीआरडीओ जैसे बड़े संस्थान हैं जो कि रक्षा विनिर्माण बनने की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। पूर्ववर्ती सरकार ने जो रूढ़वादी नीतियां बनाई थी उससे रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में बड़ी रूकावटें थी। हमारी सरकार अब इस क्षेत्र में व्यापक काम कर रही है। जिसके परिणाम भी दिख रहे हैं।