लखनऊ। बाबरी विध्वंस के मामले में सीबीआई कोर्ट 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाएगी इस बाबत कोर्ट ने आदेश जारी कर आरोपियों को फैसले के दिन कोर्ट में मौजूद रहने के लिए आदेश दिया है आपको बता दें कि इस केस में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित सभी आरोपियों को नोटिस भेजा गया है।
अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बने विवादित ढांचे को गिराने के मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने सभी पक्षों के गवाह और उनकी दलीलों को सुनने के बाद अब उसमें फैसला लिखना शुरू हो गया है। 1 सितंबर को मामले की सुनवाई पूरी कर ली गई। इससे पहले वरिष्ठ वकील मृदल राकेश, आईबी सिंह और महिपाल अहलूवालिया ने आरोपियों की तरफ से दलीलें पेश कीं, इसके बाद सीबीआई के वकीलों ललित सिंह, आरके यादव और पी. चक्रवर्ती ने भी अपनी दलीलें रखीं।
आपको बता दें कि सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने कहा था कि 2 सितंबर से फैसला लिखना शुरू हो चुका है 10 को पुराने इस मामले में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, साक्षी महाराज, साध्वी ऋतंभरा और विश्व हिंदू परिषद के नेता चंपत राय सहित तकरीबन 32 आरोपी शामिल है।
इस प्रकरण के लंबे समय से लंबित होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने इसमें एक समय अवधि तय की थी जिसके अनुसार अगस्त माह के अंत तक फैसला सुनाना था लेकिन किन्ही कारणों से 1 महीने की देरी हो चुकी है। 6 दिसंबर 1992 को उठाए गए थे के बाद से अब तक आरोपियों के खिलाफ 351 गवाह और 600 दस्तावेज प्रस्तुत हो चुके हैं, और अब देखना यह होगा कि कोर्ट क्या फैसला सुनाती है।