नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद से सरकार ने कैशलेस होने की बात कहीं और लोगों को क्रेडिट और डेबिट कार्ड से पेमेंट करने पर जोर डाला। वहीं अब ऐसी खबरें आ रही है कि इस कवायद को और आगे बढ़ाते हुए आरबीआई ने डेबिट कार्ड से लेन-देने पर लगने वाले एमडीआर यानि कि मर्चेंट डिस्काउंट रेट शुल्क में भारी कटौती का प्रस्ताव पेश किया है और अगर अगर ऐसा हुआ तो आने वाले समय में डेबिट कार्ड से ट्रांजेक्शन सस्ता हो जाएगा।
खबरों की मानें तो नए नियमों के तहत एमडीआर चार्ज ट्रांजैक्शन के मूल्य पर नहीं बल्कि मर्चेंट की श्रेणी के आधार पर लगेगा जिसकी वजह से डेबिट कार्ड से रेल की टिकट खरीदने, बिजली, पानी और टेलिफोन के बिल जमा करने सहित कई तरह के लेन-देन सस्ते हो जाएंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि आरबीआई के नए नियम एक अप्रैल से लागू हो सकते हैं हालांकि आरबीआई ने गुरुवार को एमडीआर शुल्क घटाने संबंधी परिपत्र का ड्राफ्ट जारी किया जिसमें मर्चेंट की 4 कैटेगरी बनाई गई है। जिन व्यापारियों का सालाना कारोबार 20 लाख रुपये से कम है और जो जीएसटी सीमा से बाहर हैं वो छोटे व्यापारी की कैटेगरी में आएंगे और उनसे किए गए लेन-देन की राशि पर 0.40 परसेंट से अधिक एमडीआर शुल्क नहीं लगेगा।
अगर इस समय की बात करें तो 2000 रुपये की लेनदेन पर अधिकतम 0.75 प्रतिशत एमडीआर लगता है जबकि 2000 रुपये से ऊपर की राशि पर यह दर एक प्रतिशत है हालांकि नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने इन शुल्कों में 31 मार्च तक कटौती की थी।