भारत में कोरोना संक्रमण का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रहा हैं। जिसके चलते देश में कोरोना मरीजों की संख्या 56 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी हैं। ऐसे में देश को अब कोरोना से निपटने के लिए कारगर वैक्सीन की जरुरत हैं। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वैक्सीन का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सरकार भी वैक्सीन को लेकर काफी गंभीर हैं। जिसके चलते ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इसको लेकर गाइडलाइन जारी कर दी हैं। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने बड़ी फार्मा कंपनियों के लिए सुरक्षा, प्रतिरक्षा और प्रभावकारिता मापदंडों को ध्यान में रखते हुए दिशानिर्देशों का एक नया सेट जारी किया है, जो कोरोना की वैक्सीन विकसित कर रहे हैं।
तीसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल पर नई गाइडलाइन जारी
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने अपनी नई गाइडलाइन में कहा है कि किसी भी कोरोना वैक्सीन के पास तीसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल में कम से कम 50 प्रतिशत प्रभावकारिता होनी चाहिए, मतलब उसके टेस्ट में इस वैक्सीन के 50 प्रतिशत लोगों में ठीक से काम करना चाहिए ताकि इसके लिए व्यापक रूप से तैनाती की जा सके, यह दिशानिर्देश मरीजों की सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम हैं।
वैक्सीन की जरूरत को देखते हुए आगे बढ़ने की जरूरत
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन की तत्काल आवश्यकता पर विचार करते हुए वैक्सीन के ट्रायल कार्यक्रम से जुड़े ERD के संभावित जोखिम को सूचित करने के लिए डाटा सहित एक अनुकूल और सहज दृष्टिकोण के माध्यम से आगे बढ़ने की जरूरत होगी।
घरेलू और विदेशी कंपनियां वैक्सीन बनाने में जुटी
नई गाइडलाइंस में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि गर्भावस्था में और प्रसव की क्षमता वाली महिलाओं में कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल टीकाकरण कार्यक्रमों के मुताबिक हो, बता दें कि विश्व में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच तमाम घरेलू और विदेशी कंपनियां वैक्सीन बनाने में जुटी हुई हैं।