मुबंई। अंडरवर्ल्ड डाॅन दाऊद इब्राहिम के नाम से पूरी मुबंई कांपती थी। पुलिस द्वारा डाॅन की पहले भी कई संपत्तियों की निलामी की जा चुकी है। जिसके बाद सरकार अब फिर उनकी पुश्तैनी जमीन को निलाम करने जा रही है, जो रत्नागिरी के मुमका गांव में है। यह वही जमीन है, जहां डाॅन दाऊद का बचपन बीता। चार दशक पहले दाऊद का पूरा परिवार यहीं रहता था, लेकिन दाऊद के पिता इब्राहिम कासकर की जब मुबंई पुलिस में नौकरी लग गई तो उनका पूरा परिवार मुबंई की पाकमोडिया स्ट्रीट में बस गए। जिसके बाद यहीं से दाऊद इब्राहिम ने जुर्म की दुनिया में कदम रखा और बेताज बादशाह बन बैठा। दाऊद की निलाम होने वाली संपत्ति को खरीदने के लिए दिल्ली के दो वकील पुरे जोर लगा रहे हैं।
करीब डेढ़ दर्जन संपत्तियों की नीलामी-
बता दें कि 10 नवंबर तारीख को साफेमा कानून के तहत दाऊद इब्राहिम और तस्कर इकबाल मिर्ची कि करीब डेढ़ दर्जन संपत्तियों की नीलामी होनी है। उनमें सबसे बड़ी संपत्तियों में से एक यह हवेली है। 27 गुनठा ज़मीन में फैली इस हवेली का रिजर्व प्राइस 535800 रुपए रखा गया है। बोली लगाने वालों को 135000 रुपए का बयान देना होगा। जो लोग संपत्तियों की नीलामी में बोली लगाना चाहते हैं उनकी खातिर संपत्तियों का मुआयना रखा गया है। इसका मुआयना करने के लिए दिल्ली के वकील और पूर्व शिवसैनिक अजय श्रीवास्तव दाऊद के गांव मुंबई पहुंचे। अजय श्रीवास्तव वही वकील हैं जो पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए कई साल पहले दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान की पिच खोद चुके हैं। साल 2001 में जब दाऊद की संपत्तियों की नीलामी हुई थी तो इन्होंने मुंबई के नागपाड़ा इलाके में दाऊद की दो दुकानों को खरीद लिया था।
अजय श्रीवास्तव और वकील भूपेंद्र भारद्वाज भी दाऊद की हवेली में दिखा रहे दिलचस्पी-
अजय श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने दाऊद की संपत्ति पर बोली इसलिए लगाई ताकि लोगों के बीच यह संदेश जा सके कि वह एक भगोड़ा है और उससे डरने की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि अगर वे नीलामी जीत जाते हैं तो इस हवेली को गिरा कर वहां सनातन शिक्षा का केंद्र बनाएंगे। अजय श्रीवास्तव के अलावा दिल्ली के एक और वकील भूपेंद्र भारद्वाज भी दाऊद की हवेली में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। वे भी हवेली का मुआयना करने गांव पहुंचे। भारद्वाज का कहना है कि वह भी इस हवेली और दाऊद की दूसरी संपत्तियों पर बोली लगाएंगे। अगर हवेली उन्हें मिल जाती है तो वे यहां आतंकवाद के खिलाफ लड़ने वाली एक संस्था का कार्यालय खोलेंगे।