उत्तराखंड में अब पिता की संपत्ति में बेटियों को भी हक मिलेगा। पिता के निधन के बाद अब जमीन-मकान आदि के राजस्व रिकॉर्ड में बेटों के साथ अविवाहित बेटी का नाम भी दर्ज होगा। कैबिनेट की अगली बैठक के लिए राजस्व विभाग इस प्रस्ताव को तैयार करने में जुटा हैं।
सरकार महिला सशक्तिकरण को देगी बढ़ावा
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए और बैंक से कर्ज लेने में महिलाओं की दिक्कतें दूर करने के उद्देश्य से राज्य सरकार राजस्व रिकॉर्ड में पति के साथ पत्नी का नाम भी दर्ज करने की तैयारी कर रही हैं।
अविवाहित बेटी को भी मिलेगी संपत्ति
राजस्व विभाग इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है, साथ ही अब अविवाहित बेटी का नाम भी पिता की संपत्ति के रिकॉर्ड में दर्ज करने की तैयारी हैं। विभाग के मुताबिक, इस फैसले के बाद अगर किसी व्यक्ति का निधन होता है, तो उसकी संपत्ति के रिकॉर्ड में पत्नी, बेटों और बेटों की पत्नियों के साथ ही अविवाहित बेटी का नाम भी दर्ज होगा। ये फैसला इसलिए लिया जा रहा है ताकि संपत्ति विवाद कम हो सकें और महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
भारी भरकम हो जाएगी खतौनी
राजस्व रिकॉर्ड में महिलाओं और बेटियों के नाम दर्ज होने की व्यवस्था का बड़ा असर पड़ेगा। इसके चलते कई परिवारों में बेटे और बेटियों की संख्या अधिक होने और रिकॉर्ड में बेटों की पत्नियों के भी नाम जोड़ने पर एक-एक खसरे में बड़ी संख्या में नए नाम जोड़ने होंगे।
ये हक भी
- महिलाओं को जमीन की खरीद-फरोख्त में स्टाम्प शुल्क में 1.25% छूट
- सहकारिता में महिला स्वयं सहायता समूह को 05 लाख रुपये तक बिना ब्याज ऋण
- राज्य में पंचायतों में 50 प्रतिशत और नगर निकायों में 33 प्रतिशत आरक्षण
- महिलाओं को सरकारी सेवाओं में 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा
मौजूदा व्यवस्था
मौजूदा व्यवस्था के तहत किसी व्यक्ति का निधन होने पर उसकी संपत्ति, पत्नी और बेटों के नाम दर्ज होती हैं। और अगर किसी व्यक्ति ने वसीयत कराई है, तो उसकी संपत्ति वसीयत के आधार पर संबंधित व्यक्ति के नाम दर्ज होती हैं।
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