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उत्तराखंड में अब तेज भूकंप का खतरा, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता

इंडोनेशिया के आचे प्रांत में महसूस किए गए भूकंप के झटके, लंगसा शहर रहा केंद्र

हाल ही में भारी बारिश के कारण भूस्खलन के नुकसान से उबरे उत्तराखंड पर नया खतरा मंडरा रहा है। दरअसल उत्तराखंड में लगातार भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं। बीती रात भी गढ़वाल के कई जिलों में झटके महसूस किए गए। वहीं चमोली, पौड़ी और देहरादून में रात 12:31 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए।

भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 4.3 थी। और इसका केंद्र चमोली के जोशीमठ से 44 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में बताया गया। वहीं गढ़वाल-कुमाऊं में भूकंप के झटके लगातार महसूस हो रहे हैं। हालांकि कम तीव्रता वाले भूकंप से अबतक प्रदेश में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन इसे लेकर वैज्ञानिकों ने बड़ी चेतावनी दी है।

राज्य में बड़े भूकंप का खतरा

भू-वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तराखंड पर बड़े भूकंप का खतरा मंडरा रहा है। प्रदेश के धारचूला क्षेत्र में भू कंपीय गतिविधियां रिकॉर्ड की गई हैं। और कैलाश मानसरोवर सड़क से करीब 45 किमी दूर पृथ्वी के निचले हिस्से में बड़ी गतिविधि हो रही है। जिसके चलते धारचूला और कुमाऊं हिमालयी क्षेत्र के आसपास भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं।

‘उच्च तीव्रता का भूकंप आने की संभावना’

वैज्ञानिकों ने क्षेत्र में भूगर्भीय तनाव और संरचना की भी खोज की है। जिस वजह से भविष्य में इस क्षेत्र में उच्च तीव्रता का भूकंप आने की संभावना जताई गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार साल 1905 में कांगड़ा भूकंप और 1934 में बिहार-नेपाल भूकंप के अलावा इस क्षेत्र में पिछले 500 सालों में 8 से अधिक की तीव्रता के भूकंप नहीं आए। इसलिए इस क्षेत्र को केंद्रीय भूकंपीय अंतराल क्षेत्र जाना जाता है।

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