भावनगर। आजादी के 70 साल बाद भी हमारे देश में दलितों को शांति से जीवन व्यतीत करने का अधिकार नहीं है और कुछ लोग नारा लगाते है की आरक्षण को खत्म कर दिया जाना चाहिए। गुजरात में एक बार फिर विकृत मानसिकता का नंगा नाच देखने को मिला है। यहां भावनगर जिले में कथित तौर पर स्वर्णों ने दलित युवक द्वारा घोड़ा रखने और उसकी घुड़सवारी करने के कारण हत्या कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक उमराला तहसील के टिंबी गांव में इस घटना के बाद तनाव खड़ा हो गया है। पुलिस का कहना है कि एक गांव से तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की जांच के लिए भावनगर अपराध शाखा में मामले को ट्रांसफर कर दिया गया है।
दरअसल 21 वर्षिय दलित युवक प्रदीप राठौर ने दो महीने पहले एक घोड़ा खरीदा था और तब से ही गांव वाले उसे धमकी दे रहे थे। इसी कड़ी में गुरुवार देर रात धारदार हथियारों से लैस कुछ लोगों ने प्रदीप को मौत के घाट उतार दिया। प्रदीप के पिता कालुभाई राठौर का कहना है कि प्रदीप धमकी मिलने के बाद घोड़े को बेचना चाहता था, लेकिन उन्होंने ऐसा न करने के लिए उसे समझाया था। कालुभाई ने पुलिस को बताया कि प्रदीप गुरुवार को खेत में ये कहकर गया था कि वे घर वापस आकर साथ में खाना खाएगा। प्रदीप के पिता का कहना है कि देर रात तक जब वो नहीं लौटा तो परिवार वालों को चिंता हुई और हम उसे खोजने में जुट गए।
हमने उसे खेत की ओर जाने वाली सड़क के पास मृत पाया और कुछ ही दूरी पर उसके घोड़े की भी लाश पड़ी हुई थी। बता दें कि प्रदीप दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद खेती में पिता की मदद करता था औप उसे घुड़सवारी का भी शौक था। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो, राज्य सरकार ने मामले की रिपोर्ट मिलने के बाद यहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को तैनात किया है। प्रदीप के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भावनगर सिविल अस्पताल ले जाया गया है, लेकिन उसके परिजनों का कहना है कि वे लोग वास्तविक दोषियों की गिरफ्तारी तक शव स्वीकार नहीं करेंगे।