केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को दलितों द्वारा काले झंड़े दिखाए जाने और उनके खलाफ नारेबाजी करने का मामला सामने आया है। दोंनों नेता बाबा चौहरमल समारोह के मौके पर मोकामा गए थे। एससी एसटी एक्ट का विरोध कर रहे लोगों ने उनके खिलाफ काले झंड़े दिखाकर नारे बाजी की।
इस दौरान सभा में उपस्थित लोगो ंने दोंनों नेताओं को ना सिर्फ काले झेंड़ें दिखाए बल्कि भीड़ ने मंच पर काले झंड़े पेंके और विरोध में जमकर नारेबाजी की। बाद में मंच से रामविलास पासवान ने लोगों के विरोध को शांत कराया और कहा कि गरीबों और पिछड़ों के साथ किसी भी कीमत पर अन्याय नहीं होने देंगे।
पासवान ने कहा कि 1989 में बनी वीपी सिंह की सरकार के पहले बाबा साहब आंबेडकर का संसद भवन में कोई नाम नहीं लेता था। वीपी सिंह की सरकार में ही बाबा साहब की तस्वीर संसद भवन में पहली बार लगी। इस पर हमने कहा कि जो दिल में बसते हैं, उनकी दीवारों पर भी तस्वीर लग जाती है।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने पासवान का अर्थ भी समझाया। उन्होंने कहा कि पासवान का अर्थ कंट्री की रक्षा करने वाला होता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मैं 70 साल का हो गया हूं। जब तक जिंदा हूं, कोई माई का लाल देश से आरक्षण को खत्म नहीं कर सकता है।