नई दिल्ली। दलितों के लिए घर भोजन खाना जैसें आजकल फैशन बन चुका है और दलितों के घर भोजन करने के लिए बीजेपी नेताओं में इन दिनों होड़ सी मची है। बता दे कि कुछ दिन पहले योगी आदित्यनाथ ने भी दलित के घर खाना खाया था जिसके बाद से ये सिलसिला शुरू हुआ है। सी कतार में बेगूसराय में केंद्रीय राज्य मंत्री एसएस अहलुवालिया ने एक दलित के घर खाना तो खाया, लेकिन इसके बाद वो विवादों में आ गए।
क्यो आए विवादों में जाने-
बता दे कि दलित के घर सी कतार में बेगूसराय में केंद्रीय राज्य मंत्री एसएस अहलुवालिया ने एक दलित के घर खाना तो खाया लेकिन उन्होंने ये खाना बाहर से मंगवाया गया था। हालांकि इस मुद्दे पर सवाल होने पर पर मंत्री अहलुवालिया भड़क उठे। साथ ही मंत्री ने बाहर से खाना मंगाकर खाने से इनकार किया।
इन दिनों बीजीपी नेताओं का दलितों के घर जाकर भोजन का सिलसिला लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पहले केशव प्रसाद मौर्य, सुरेश राणा और योगी आदित्यनाथ और बाद में एस एस अहलुवालिया ने दलित के घर खाना खाया। अभी तक दायरा उत्तर प्रदेश तक सिमटा था। अब बिहार के बेगूसराय से भी दलित के घर भोजन की खबर आई है, जहां केंद्रीय मंत्री एस एस अहलुवालिया ने एक दलित के घर सब्जी चावल दाल पापड़ का जायका लिया।
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विवाद तब पैदा हुआ जब ये पता चला कि खाना दलित ने नहीं बल्कि एक हलवाई ने बनाया था। महंगा चावल, हाई क्वॉलिटी दाल और सब्जियां बाहर से बनकर आई सिर्फ आंगन और घर दलित का था। आसपास खाना खा रहे लोग पिछड़ी जाति के थे।बता दे कि इससे पहले भी दलितों के घर खाना खाने को लेकर मामला गरमा गया था।
जहां उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश राणा द्वारा एक दलित के घर में रात्रि भोज पर जाने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था, जहां आरोप लगे थे कि मंत्री अपनी तरफ से भोजन और पानी लेकर वहां पहुंचे थे। बता दे कि बीजेपी के मंत्रियों के इस रवैयें पर बीजेपी के कुछ नेता भी आलोचना कर रहे हैं। बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने इसे दिखावा और बहुजन समाज का ‘अपमान‘ करार दिया है। सावित्री ने कहा कि बात तो तब हो जब दलित के हाथ का बनाया हुआ खाना खाएं और खुद उसके बर्तनों को धोएं।