नई दिल्ली। रैशनलिस्ट नरेंद्र दाभोलकर की हत्या में संभावित रूप से इस्तेमाल किए गए हथियार को कथित अपराधियों ने इसलिए नष्ट नहीं किया क्योंकि वे उस हथियार को अपने लिए ‘भाग्यशाली’ समझते थे। सीबीआई से जुड़े सूत्रों ने बताया कि संभव है कि उसी हथियार का इस्तेमाल फरवरी 2015 में गोविंद पनसारे, अगस्त 2015 में एम एम कलबुर्गी और पिछले साल सितंबर में गौरी लंकेश जैसे वामपंथ की ओर झुकाव रखने वाले लोगों की हत्या में किया गया हो।
बता दें कि एजेंसी ने हालांकि कहा कि हथियार की बैलिस्टिक जांच के बाद ही इस बारे में कुछ भी ठोस तरीके से कुछ कहा सकेगा। सीबीआई ने हाल में औरंगाबाद के रहने वाले सचिन अंदुरे को पुणे से गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की है। वह दाभोलकर की हत्या में संलिप्त दो लोगों में कथित तौर पर शामिल था।
बता दें कि दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को दिन-दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बाद में हत्या के मामले की जांच मुंबई उच्च न्यायालय ने मई 2014 में सीबीआई को सौंप दी थी। इस हत्या पर लोगों ने रोष व्यक्त किया था और जाने-माने कई लेखकों और अन्य हस्तियों ने कथित असहिष्णुता के विरोध में अपने पुरस्कार लौटा दिए थे।