लखनऊ। प्रदेश में योगी सरकार को कुर्सी संभाले अभी 100 दिन ही महज जैसे तैसे पूरे गुए हैं कि एक बड़ा खेल सामने आ गया है। सीएम योगी की जब ताजपोशी हो रही थी तो ये खेल खेला गया। अब इस खेल का पर्दाफाश हुआ है। ये खेल है शपथग्रहण कार्यक्रम के आयोजन का जिसमें अंधाधुंध पैसा बहाया गया था। इस शपथ ग्रहण का अगर खर्च आप जानेंगे तो आपके होश ही उड़ जायेंगे इस कार्यक्रम में राज्य सरकार की तरफ से एलडीए को आयोजन का जिम्मा था जिसने करीब 1 करोड़ 81 लाख रूपये खर्च कर दिए हैं।
इस कार्यक्रम में हुए इतने व्यापक खर्च किए जाने के सवाल पर अब प्राधिकरण के एक पूर्व अधिकारी शक के घेरे में आ गये हैं। 19 मार्च को सूबे की राजधानी के स्मृति उपवन में योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस कार्यक्रम के आयोजन का जिम्मा लखनऊ विकास प्राधिकरण को दिया गया था। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत भाजपा के कई दिग्गज नेता शामिल हुए थे। इस समारोह में मंच, टेंट, ऑडियो सिस्टम, सुरक्षा, फ्लीट और खाने-पीने की व्यवस्था करने में प्राधिकरण ने 1 करोड़ 81 लाख रूपये खर्च कर दिए। इसके बाद इसका बिल सचिवालय को पिछले हफ्ते भेजा है।
अब इस बिल को देखने के बाद सचिवालय के लोगों के होश उड़ गये। क्योंकि साल 2012 में अखिलेश के शपथ ग्रहण में करीब 89.9 लाख रूपये ही खर्च हुए थे। जिसको लेकर काफी हंगामा मचा था, और ये हंगामा बीजेपी ने खुद मचाया था अब बीजेपी के शपथ ग्रहण में उससे दूने खर्च हुए हैं। तो इन पर सचिवालय के लोगों को शक हुआ । सचिवालय ने इस मामले में शक होने पर इसकी जांच के आदेश दिए गये हैं। सूत्रों की माने तो जिस समय ये शपथ ग्रहण था उस समय एलडीए के उपाध्यक्ष सत्येन्द्र वीर सिंह थे। माना जा रहा है कि बिलों में इन्हीं के द्वारा ये गड़बड़ी की कई है।