दार्जिलिंग में हिंसा आए दिन और भी ज्यादा उग्र होती जा रही है। आए दिन GJM (गोरखा जनमुक्ति मोर्चा) के कार्यकर्ता ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। GJM कार्यकर्ताओं द्वारा बंद का आह्वान करने के बाद यह हिंसक आंदोलन आए दिन उग्र होता जा रहा है। ऐसे में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां GJM कार्यकर्ताओं द्वारा बंद का आह्वान करने के बाद लोगों को रोज मर्राह की जिंदगी में खाने पीने आदि के लिए भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। लेकिन GJM कार्यकर्ता अपनी मांगो पर अड़े हुए हैं। ऐसे में GJM कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते करीब 150 करोड़ रुपयों का पर्यटन और वित्तीय स्तर को घाटे की मार झेलनी पड़ी है।
GJM कार्यकर्ताओं के विरोध को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सिलीगुड़ी में राज्य सचिवालय में 11 बजे इस बैठक को बुलाया गया। लेकिन नीदरलैंड दौरे पर होने के कारण सीएम ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल नहीं हो पाई है। बैठक में लेफ्ट पार्टियों और कांग्रेस ने शामिल होने से मना कर दिया जिसके बाद इस बैठक में वरिष्ठ मंत्रियों और अफसरों ने हिस्सा लिया। लेफ्ट हुई पार्टियां और कांग्रेस का कहना है कि वह इसलिए इस बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी क्योंकि यह सीएम ममता बनर्जी की अनुपस्थिति में बुलाई गई है। और इस बैठक में जाने से कोई औचित्य नहीं है। बीजेपी भी इस बैठक में शामिल नहीं हुई है। हालांकि GJM का अनिश्चितकाली बंद अभी भी जारी है। GJM का कहना है कि जब तक सरकार यहां से फोर्स को नहीं हटा लेती है यह अनिश्चितकालीन बंद जारी रहेगा। GJM ने सरकार पर सूचना अधिकार को बाधिक करने का आरोप लगाया है।
दार्जिलिंग में हिंसा का काफी भयानक असर दिखाई दे रहा है। दार्जिलिंग में जहां पर्यटकों का तांता आए दिन लगा रहता था अब वही दार्जिलिंग में हालात इतने ज्यादा खस्ता हो गए हैं कि यहां की सबसे मशहूर टॉय ट्रेन को भी स्थगित कर दिया गया है। यहां पहले से मौजूद पर्यटकों को भी अपनी सुरक्षा का खतरा सताए जा रहा है। वही हिंसा के कारण यहां काफी ज्यादा हानि हुई है। दार्जिलिंग में गर्मी के दिनों में पर्यटकों का तांता लगा रहता था, जून के दिनों में यहां बेहिसाब पर्यटक घूमने के लिए आते थे। और यहां की मशहूर टॉय ट्रेन का आनंद लेते थे तो वही हिंसा के कारण यहां की टॉय ट्रेन का आनंद लेते थे लेकिन GJM द्वारा की गई हिंसा के कारण पर्यटकों की संख्या में काफी ज्यादा असर पड़ा है। ऐसे में राज्य सरकार के अनुसार इस हिंसा के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है।