लखनऊ: कोरोना से बचाव के लिए भारत में दो तरह की वैक्सीन लगाई जा रही है, जिसमें Covaxin और Covidshield शामिल है। अब ऐसे 15000 लोगों की नौकरी पर संकट आ गया है, जिन्होंने कोवैक्सीन का टीका लगाया है।
दरअसल उन्हें खाड़ी देशों में नौकरी के सिलसिले में दोबारा वापस जाना है, लेकिन रेजिडेंट वीजा के लिए वह अपनी योग्यता नहीं साबित कर पा रहे हैं। इन सभी देशों ने कोवैक्सीन लगवाने वालों को देश में आने की अनुमति नहीं दी है। ऐसे में लखनऊ सहित आसपास जिले के 15000 यात्रियों पर बड़ा संकट सामने आ गया है।
चार वैक्सीन को मिली है अनुमति
यूएई ने कुल 4 वैक्सीन लगाने वाले लोगों को रेजिडेंट वीजा देने की बात कही। जिसमें फाइजर, स्पूतनिक, ऑक्सफोर्ड एस्ट्रोजेनिका और सिनोफार्म शामिल हैं। इसका असर यह हो रहा है कि भारत में जिन लोगों ने कोवैक्सीन लगवा रखी है, उनको अब वीजा नहीं मिल पाएगा। परिणामस्वरूप उनकी नौकरी भी प्रभावित होती दिख रही है।
Covidshield वालों को राहत
ऑक्सफोर्ड एस्ट्रोजेनिका वैक्सीन भारत में Covidshield नाम से बन रही है। ऐसे में जिन लोगों ने यह वैक्सीन लगवाई है, उनको विदेश जाने के लिए किसी भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। समस्या भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) में सामने आ रही है। लखनऊ और आसपास के कई जिलों से लाखों की संख्या में लोग खाड़ी देशों में नौकरी के लिए जाते हैं, जिनमें कुवैत, सऊदी अरब, बहरीन, कतर संयुक्त अरब अमीरात और ओमान शामिल हैं।
एयरलाइंस की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार करीब 15000 ऐसे यात्री हैं, जिन्होंने Covaxin लगवाई है। ऐसे में अगर यह सभी लोग समय से अपना वीजा नहीं पाते हैं तो इनका रेजिडेंट वीजा भी खत्म हो जाएगा। रेजिडेंट वीजा उन लोगों को दिया जाता है, जो किसी देश में लंबे समय तक रहकर पढ़ाई या नौकरी करते हैं।