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कानपुरः पुलिस को सम्मानित करने जूही थाना पहुंचे अपराधी, वायरल हुआ वीडियो

कानपुरः पुलिस को सम्मानित करने जूही थाना पहुंचे अपराधी, वायरल हुआ वीडियो

कानपुरः शहर में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद है कि थाने में पहुंचकर पुलिस कर्मियों को सम्मानित कर रहे हैं। 25 हजार रुपए के इनामी बदमाश को पुलिस की कस्टडी से भगाने वाला आरोप नारायण सिंह भदौरिया एसीपी को माला पहनाकर सम्मानित करने का काम कर रहा है।

इस दौरान हत्या के मामले में जमानत पर रिहा चल रहा मोनू पांडेय पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाता हुआ नजर आ रहा है। वह पुलिस कर्मियों को सम्मानित भी कर रहा है। बता दें कि पुलिस कर्मियों के सम्मान का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

पूरा मामला जूही थाना का है, जहां दो दिन पूर्व एक व्यापारी नेता अनूप अवस्थी की कार होंडा सिटी चोरी हो गई थी। पुलिस ने घटना पर संज्ञान लेते हुए कार बरामद की। व्यापारी नेता पुलिस के इस काम की सराहना करते हुए दक्षिम उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारी पुलिस को सम्मानित करने के लिए पहुंचे। इस दौरान व्यापारियों के साथ नारायण सिंह भदौरिया और मोनू पांडेय भी पुलिस को सम्मानित करने पहुंच गए।

सम्मान समारोह में जब डीसीपी रवीना त्यागी की नजर नारायण सिंह भदौरिया पर गई, तो उन्होंने इस बात का ऐतराज जताया, वहीं मीडिया के कैमरों को देख नारायण मौके से फरार हो गया, लेकिन मोनू पांडेय व्यापारी नेताओं के साथ वहां मौजूद रहा।

कौन है नारायण सिंह भदौरिया?

नारायण सिंह भदौरिया का पिछले 2 जून को जन्मदिन था। इस अवसर पर नौबस्ता स्थित एक गेस्ट हाउस में बर्थडे पार्टी चल रही थी। नारायण की इस पार्टी में 25 हजार का इनामी बदमाश मनोज सिंह भी शामिल होने आया था। पुलिस को मनोज के बारे में जब सूचना मिली तो पुलिस ने गेस्ट हाउस के बाहर से मनोज को दबोच लिया।

बता दें कि नारायण सिंह भदौरिया भाजपा का दक्षिण जिला मंत्री था, जिसके चलते वह मनोज को छुड़ाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस की जीप को रोक दिया। जिसके बाद वह मनोज को कस्टडी से छुड़ाकर भगा दिया। इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

पार्टी ने किया बाहर

पुलिस ने इस पूरे मामले में नारायण सिंह सहित 19 लोगों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया। जिसके बाद पुलिस ने नोएडा से नारायण सिंह को गिरफ्तार कर लिया। एक सप्ताह बाद नारायण सिंह की जमानत हो गई। वहीं, घटना से पहले भी नारायण पर किदवई नगर, बाबुपुरवा और लखनऊ में कई केस दर्ज हैं। वहीं, इस घटना से जब पार्टी की किरकिरी होने लगी तो भाजपा ने नारायण को पार्टी से बाहर खदेड़ दिया। इस दौरान भाजपा की जमकरी किरकिरी हुई।

कौन है मोनू पांडेय?

नौबस्ता वाई ब्लॉक इलाके का रहने वाला मोनू पांडेय वह शख्स है, जो हर उस दल के साथ कदमताल करता हुआ नजर आता है, जिसकी प्रदेश में सरकार होती है। मोनू पर हत्या सहित कई संगीन आरोप हैं। वह जमानत पर बाहर है। साल 2004 में बीरबल सिंह की हत्या में मोनू पांडेय, राजवल्लभ, विकास तिवारी का नाम सामने आया था। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। जिसके बाद मोनू सहित तीनों आरोपी जमानत लेकर खुलेआम घूम रहे हैं।

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