कुमार विनय
लखनऊ: यूपी में भले ही कोविड के एक्टिव केसों में लगातार कमी आ रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोविड का प्रकोप पूरी तरह से खत्म हो चुका है। सरकार लगातार जनता से यह अपील कर रही है कि वह कोविड प्रोटोकॉल कर पालन करें। इसके बावजूद पब्लिक पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी है।
चेहरे को मास्क से ढकना तो दूर लोग सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने में भी लापरवाही बरत रहे हैं। यह बात हम नहीं कह रहे हैं कि बल्कि कोविड नियम का उल्लंघन करने वाले वो आंकड़े हकीकत बयां कर रहे हैं, जो लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस से हासिल हुए हैं। अगर राजधानी लखनऊ का यह आलम है तो यूपी के अन्य जिलों की स्थिति क्या होगी। इस आंकड़ों को देखकर साबित होता कि जनता के जहन से कोविड का भय पूरी तरह से खत्म हो चुका है।
हफ्ते भर में कटा लाखों का चालान
- तारीख बगैर मॉस्क के लोगों का चालान
- 20 जून 1846
- 21 जून 734
- 22 जून 1997
- 23 जून 1763
- 24 जून 2760
- 25 जून 1583
पांच जोन को मिली जिम्मेदारी
शहर अनलॉक होते ही बाज़ारों की रंगत वापस लौट आई है। अमीनाबाद, चौक, नक्खास, महानगर, बुध बाज़ार, सदर बाज़ार सहित अन्य जगहों भीड़ बढ़ने लगी है। जेसीपी लॉ एंड आर्डर पीयूष मोर्डिया ने कोविड की रोकथाम के लिए राजधानी के उत्तरी जोन, दक्षिणी जोन, पूर्वी जोन, पश्चिमी जोन और मध्य जोन में तैनात पुलिसकर्मियों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के साथ विशेष अभियान चलाने का सख्त आदेश भी दिया है।
पुलिसकर्मी चौकी स्तर पर सावर्जनिक स्थलों, संपर्क रास्तों पर मास्क चेकिंग का अभियान में जुटी है। इन सबके बावजूद लोग कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहे हैं। पुलिसकर्मियों का कहना है कि सुबह से शाम पुलिस अपना फर्ज निभा रही है। इसके अलावा लोगों से मास्क पहनने के लिए अपील भी कर रही है। लोग मास्क पहनने से कतरा रहे हैं। शाम तक एक जोन में सैकड़ों लोग बैगर मास्क के पाए जाते हैं। मजबूरी में सौ रुपए का उनका चालान किया जाता है, इसके लिए उन्हें रसीद भी दी जाती है।
महामारी अधिनियम के तहत हो रही कार्रवाई
महामारी अधिनियम धारा 188 के तहत पुलिस सड़कों पर बेवजह घूमने वाले, बगैर मास्क, सोशल डिस्टेसिंग का उल्लंघन वाले लोगों पर कार्रवाई कर रही है। देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद पूरे देश में धारा 188 लागू कर दी गई थी, जो आज भी कायम है। इस धारा के अन्तर्गत सरकार द्वारा दिए निर्देशों को कोई व्यक्ति उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई की जाती है। इसमें कम से कम एक महीने की जेल और 200 रुपए के जुर्माने की सजा है।
तीसरी लहर है भयावह
मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजय भटनागर के अनुसार, कोरोना की तीसरी लहर अगले कुछ महीने में दस्तक दे सकती है। अधिकांश लोगों के जहन में कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर चिंता है। इस वायरल का नाम डेल्टा प्लस वेरिएंट है। फिलहाल देश में 40 से ज्यादा नए मरीज सामने आए हैं। जानकारी मुताबिक, यह वायरस पुराने वायरस से 172 फीसदी ज्यादा संक्रमत है। खासतौर पर डेल्टा प्लस वेरिएंट फेफड़ों की कोशिकाओं में मजबूती से पकड़ रखता है।