मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। खबर है कि जिलाधिकारी के बालाजी ने व्यक्तिगत मरीजों की ऑक्सीजन सप्लाई पर रोक लगा दी है।
मेरठ डीएम के बालाजी के निर्देश के मुताबिक, व्यक्तिगत मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई करके केवल अस्पतालों को ही ऑक्सीजन सप्लाई की जाएगी। ऐसे में होम आइसोलेटेड कोविड मरीजों व नॉन कोविड मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाएगी।
पीड़ित लोगों ने लगाया आरोप
वहीं, शहर के अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजन बेड नहीं हैं। अब होम आइसोलेशन में भी ऑक्सीजन न मिलने से लोगों की जान पर बन आएगी। परतापुर के कंसल इंडस्ट्रियल गैसेज गोदाम पर रोते-बिलखते लोगों ने आरोप लगाते हुए बताया कि, जिला प्रशासन ने आम आदमी के लिए ऑक्सीजन गैस पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे उनके बीमार परिजन तड़प कर मरने को मजबूर हैं।
कंसल गैस गोदाम पर पहुंचे मीडियाकर्मियों से रोते-बिलखते परिजनों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि, उनके परिजन घर पर आइसोलेट हैं और वह डॉक्टर का लिखित पर्चा भी लाए हैं, उन्हें ऑक्सीजन गैस नहीं दी जा रही। उन्होंने आरोप लगाया कि, अस्पतालों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रशासन की ओर से यह कदम उठाए गए हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी थे जिनके मरीज जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं और उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है।
आम आदमी के लिए ऑक्सीजन सप्लाई बंद
वहीं, गोदाम के साइड नोडल अफसर गैस डिप्टी कमिश्नर इंडस्ट्रीज वीके सिंह कोशर ने बताया कि, आम आदमी के लिए उन्होंने गैस की सप्लाई को बंद कर दी है और अस्पतालों के लिए भरपूर गैस उपलब्ध है। यह निर्णय गैस की कालाबाजारी रोकने के लिए लिया गया है।
वहीं, जब उनसे पूछा गया कि जो लोग घर पर क्वॉरेंटाइन होकर अपना इलाज करा रहे हैं, उन्हें कैसे गैस उपलब्ध होगी तो उन्होंने साफ कह दिया कि किसी को भी व्यक्तिगत गैस नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि, ये लोग अस्पतालों में भर्ती हों और इलाज कराएं। अब सवाल यह उठता है कि ऐसे में गरीब आदमी आखिर कहां जाए। सरकारी अस्पतालों में बेड की कमी और प्राइवेट में ज्यादा पैसों की मांग तो वह तिल-तिल मरने को मजबूर है।
रिपोर्ट- शानू भारती