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कोर्ट का सरकार से सवाल,उद्योगपतियों से दोगुने दाम पर आम लोगों को बिजली कैसे जायज

court 5 कोर्ट का सरकार से सवाल,उद्योगपतियों से दोगुने दाम पर आम लोगों को बिजली कैसे जायज

चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में बिजवी दरों में वृद्धि पर गंभीर सवाल उठाए हैं। हाईकोर्ट का कहना है कि आम आदमी को उद्योगपतियों से दोगुनी दर पर बिजली देना कैसे जायज है। हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी पंजाब में बिजली के रेट बढ़ाने और इस अप्रैल 2017 से लागू करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान की। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार और पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन को नोटीस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया है कि पंजाब में उद्योगों को पांत रुपये प्रति यूनिट बिजली उपलब्ध करवाई जा रही है, जबकि आम आदमी को ये करीब आठ से नौ रुपये प्रति यूनिट की दर से मिल रही है। court 5 कोर्ट का सरकार से सवाल,उद्योगपतियों से दोगुने दाम पर आम लोगों को बिजली कैसे जायज

इतना ही नहीं बल्कि इसे अप्रैल 2017 से लागू किया गया और लोगों से बैकडेट से बढ़े बिल की वसूली की जा रही है। याचिका लुधियाना निवासी रविंदर अरोड़ा ने एडवोकेट विशाल शर्मा के माध्यम से दाखिल की है। पंजाब सरकार का यह निर्णय खामियों से भरा हुआ है। जिस प्रकार बिजली के रेट बढ़ाए गए हैं उससे डोमेस्टिक कनेक्शन की प्रति यूनिट बिजली उद्योगिक बिजली से ज्यादा हो गई है। इसके साथ ही बिजली रेट पिछली तारीख से बढ़ाना कानून की नजर में सही नहींं करार दिया जा सकता। ऐसे में इन आदेशों पर रोक लगाई जानी चाहिए।

हाईकोर्ट ने इससे पहले याचिकाकर्ता से पूछा था कि यह याचिका जनहित याचिका के रूप में कैसे दाखिल की जा सकती है। यह बिजली के रेट से जुड़ा विवाद है आैर इसे  ट्रिब्यूनल के जरिए निपटाया जा सकता है तो आखिर क्यों जनहित याचिका दाखिल की गई है। इसपर याचिकाकर्ता की दलीले सुनने के बाद  हाईकोर्ट ने पंजाब  सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।

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