नई दिल्ली। बैंकों को करोड़ो का चूना लगाकर विदेश भागने वाले शराब कारोबारी भगोड़े विजय माल्या की मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में दिल्ली की अदालत ने संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है। पटियाला हाउस कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के माल्या की संपत्ति जब्त करके उसकी कुर्की करने के आदेश दिया है और इसकी स्टेटस रिुपोर्ट 8 मई तक पेश करने को कहा है। दरअसल ईडी ने कोर्ट में माल्य के आरोप पत्र में कहा था कि माल्या ने 1996,1997 और 1998 में लंदन में हुई फॉर्मुला वन रेसिंग के दौरान एक ब्रिटिश फर्म को लगभग एक करोड़ 29 लाख रुपये दिए थे। माल्या पर आरोप है कि उसने पैसे किंगफिशर के लोगो को यूरोप में दिखाने के लिए दिए थे।
ईडी के आरोप में कहा गया है कि ये भुगतान आर.बी.आई. से बैगर अनुमति लिए किया गया था। इसे फॉरेन एक्सचेंज रेग्युलेटरी अथॉरिटी का उल्लंघन माना गया। दिल्ली की एक कोर्ट ने इस मामले में विजय माल्या के खिलाफ समन जारी किया था लेकिन हाजिर न होने पर कोर्ट ने अपराधी घोषित कर दिया। आपको बता दें कि 31 जनवरी 2014 तक किंगफिशर एयरलाइन्स पर 17 बैंकों का 6,963 करोड़ रुपए बकाया था। इस कर्ज पर ब्याज के बाद माल्या की कुल देनदारी 9,432 करोड़ रुपए हो चुकी है।
सी.बी.आई. ने 1000 से भी ज्यादा पेज की चार्जशीट में कहा कि किंगफिशर एयरलाइन्स ने IDBI की तरफ से मिले 900 करोड़ रुपए के लोन में से 254 करोड़ रुपए का निजी इस्तेमाल किया। किंगफिशर एयरलाइन्स अक्तूबर 2012 में बंद हो गई थी। दिसंबर 2014 में इसका फ्लाइंग परमिट भी कैंसल कर दिया गया। विजय माल्या प्रत्यर्पण के मामले में फिलहाल जमानत पर चल रहे हैं। उनके खिलाफ कोर्ट में सुनवाई जारी है। हालांकि, उम्मीद है कि अगले 2 महीने में इस पर फैसला आ जाए। सी.बी.आई. को उम्मीद है कि वह विजय माल्या को भारत लाने में सफल साबित होगी।