मेरठ। सम्पत्ति की लालच में आदमी अंधा हो जाता है और उसे यह नहीं दिखाई पड़ता कि वह कितना बड़ा कूआं खुद के लिये खोदता जा रहा है। मेरठ में अपनी ही बूआ का मकान कब्जाने की चाल एक व्यक्ति को अब इतनी भारी पड़ रही है कि उसका पूरा परिवार जेल जाने की स्थिति में आ पहुंचा है।
यह है मामला
मेरठ के शास्त्रीनगर स्थित अपने बूआ का एक मकान हड़पने के लिये बांगर खुर्द सुलतानपुर निवासी रामपूजन पुत्र सीताराम मिश्र ने फर्जी कागजातों का सहारा लिया और इस मामले में उसने अपने पूरे परिवार को दांव पर लगा दिया। कानून से न तो कोई बच सका है और न ही बचेगा, देर से ही सही लेकिन अब कानून ने उसे सबक सिखाने के लिये न्याय का डंडा चला दिया है।
इस तरह से किया फर्जीवाड़ा
मकान हड़पने के लिये रामपूजन ने अपने ही फूफा यदुवंश पांडे के नकली हस्ताक्षर कर गोदनामा व ओसियत के पेपर तैयार करवाये और अपने साले कृपाशंकर व बेटे अविनाश के साथ कई अन्य कागजातों को बनाया। उसके साले कृपाशंकर मिश्र ने यदुवंश पांडे के दाह्य संस्कार की रसीद में अपने आपको उनका भतीजा बताकर खुद का नाम कृपाशंकर पांडे करवा लिया ताकि यदुवंश पांडे से उसका भतीजे का सम्बंध सटीक बैठे, यही नहीं कृपाशंकर मिश्र ने अपना एड्रेस भी उसी मकान को बताया जो की उसके जीजा रामपूजन के फूफा यदुवंश पांडे का है।
बूआ का बनवाया नकली मृत्यु प्रमाणपत्र
मकान हड़पने की जालसाजी करते हुये रामपूजन ने इतनी जल्दी कर दी कि उसने अपनी बूआ का नकली मृत्यु प्रमाणपत्र उनके मायके रामापुर जनपद आजमगढ़ से बनवा लिया जबकि उनकी मौत बीएचयू अस्पताल में इलाज के दौरान हुई थी।
कागजातों को अदालत ने पाया फर्जी
अदालत ने आदेश देकर जब साइन एक्सपर्ट से यदुवंश पांडे के हस्ताक्षर का मिलान करवाया तो साइन फर्जी पाया गया। उधर नौचंदी पुलिस ने भी अपनी जांच में रामपूजन की बूआ अवधराजी का उनके मायके से बना मृत्यु प्रमाणपत्र नकली पाया। पुलिस ने रामपूजन के साले कृपाशंकर द्वारा यदुवंश पांडे के मृत्यु प्रमाणपत्र में भी फर्जीवाड़ा पाया।
जारी हुआ गैरजमानती वारण्ट
नौचंदी पुलिस ने अदालत के आदेश पर रामपूजन पुत्र सीताराम व उसके साले कृपाशंकर व बेटे अविनाश उर्फ अमरीश के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। बता दें कि अदालत ने अब फर्जीवाड़े के तहत धारा 420 (सात वर्ष की सजा), 467 (आजीवन कारावास की सजा), 468 (सात वर्ष की सजा), 471 के तहत गैर जमानती वारण्ट जारी किया है।
घर से है लापता, बीबी बच्चे हो रहे परेशान
पिछली तीन तारीखों पर गैर हाजिर रहे अभियुक्तों पर अब कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की है तो पुलिस उक्त आरोपियों की धरपकड़ के लिये दबिश देनी शुरू कर दी है। रामपूजन व उसका परिवार घर से लापता हैं। पुलिस का कहना है कि मोबाइल की लोकेशन ट्रैश की जा रही है मौका मिलते ही धर दबोचा जायेगा। हलाकि अगर वह कोर्ट में खुद भी सरेंडर करेगा तब भी उसे जेल ही जाना होगा।
कोर्ट का चपरासी कर रहा था मदद
रामपूजन के फर्जीवाड़े में सुंदरपुर सुलतानपुर निवासी सत्यव्रत तिवारी उसकी मदद कर रहा था, जो कभी खुद को पेशकार तो कभी बाबू बताकर रौब गालिब करता था। सत्यव्रत चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी है और उसका बड़बोलापन अब उसके ही गले की फांस बनता जा रहा है। उसकी शिकायत जिला जज मेरठ व प्रशासनिक जज इलाहाबाद हाईकोर्ट में वादी त्रिनाथ मिश्र ने की है।
तांत्रिक है रामपूजन का साला कृपाशंकर
शहर में हालाकि पुलिस ने तांत्रिकों के खिलाफ सख्त अभियान छेड़ा हुआ है लेकिन कृपाशंकर हर बार पुलिस को चकमा देने में कामयाब होता है और अब अपने जीजा की फर्जीवाड़े में मदद करने के बाद गैरजमानती वारण्ट जारी होने पर वह पूरी तरह से फंस चुका है। वह अपने आपको हाईकोर्ट का वकील बताकर पुलिस को कई बार चकमा दे चुका है।