कल जोधपुर कोर्ट ने आसाराम को उम्र कैद की सजा सुनाकर ये साबित कर दिया है कि राजा हो या रंक सबके लिए अदालत का फैसला लिए एक समान है। हालांकि कोर्ट के फैसले से आसाराम के भक्तों को काफी दुख पहुंचा है और अब वह इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाने की बात कर रहे हैं। कोर्ट ने अन्य दो आरोपियों को 20-20 साल की सजा सुनाई है जबकि दो आरोपियों को मामले में बरी कर दिया है। कोर्ट ने 453 पन्नों के साथ अपना फैसला सुनाया जिसमें विशेष अदालत ने अपने फैसले में इस बात को लेकर दुख जताया कि आसाराम ने अपने घृणित कृत्य से ‘‘न केवल अपने अनुयायियों की आस्था को ठेस पहुंचाई, बल्कि आम लोगों में संतों की प्रतिष्ठा भी धूमिल की।
453 पन्नों के इस फैसले में कोर्ट ने आसाराम पर क्या-क्या आरोप तय किए जिनपर सुनवाई की गई-
- कोर्ट को प्रकरण में देखना था कि पीड़िता 15-08-2013 को 18 साल से कम उम्र की थी या नहीं? और पीड़िता पॉक्सो एक्ट की संरक्षण अधिनियम की धारा 2 (घ) के अंतर्गत न्याय पाने की अधिकारणी है या नहीं? इसके तहत लड़के और लड़की, दोनों को ही प्रोटेक्ट किया गया है। इस तरह के मामलों की सुनवाई स्पेशल कोर्ट में होती है और बच्चों के साथ होने वाले अपराध के लिए उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। इस एक्ट के तहत बच्चों को सेक्सुअल असॉल्ट, सेक्सुअल हैरेसमेंट और पोर्नोग्राफी जैसे अपराधों से प्रोटेक्ट किया गया है।
- अभियुक्ता द्वारा आसाराम पर 15-08-2013 को जबरन आश्रम में बुलाना और बुलाकर उसका लैंगिक उत्पीड़न करना, उत्पीड़न का विरोध करने पर ड़राना-धमकाना, अपराधिक बल का प्रयोग करना, उसके अभिभावकों को शारीरिक क्षति पहुंचाने की धमकी, उसे जान से मारने की धमकी देकर उसे प्रताड़ित करना साथ ही अपराधिक अभित्रास देते हुए अशलील शब्दों को बोलकर उसकी लज्जा का अनादर करना साथ ही छेड़छाड़ कर उसकी एकांतता का अतिक्रमण करना, यौन आशय से पीड़िता के मर्मस्थलों को गलत नियत से स्पर्श करना? बलात्कार की धारा 375 में वर्णित बलात्कार के प्रावधानों में ये साबित करना कि ये सब बलात्कार की धारा 376 में तहत आता है। या नहीं ?
- क्या अन्य आरोपी शरतचंद, शिल्पी, शिवा और प्रकाश भी आसाराम के साथ इस षडयंत्र में शामिल थे? जिसकी याजना इन सबने मिलकर 15-08-2013 से पहले ही तैयार कर ली थी। जिसके तहत बालिका के साथ यौन उत्पीड़न और बलात्कार का षडयंत्र रचा गया था। क्या शरतचंद और शिल्पी ने पीड़िता के साथ झूठ, कपट और प्रपंच का सहारा लेकर उसे बहलाने-फुसलाने की कोशिश की, जिसके बाद मुख्य आरोपी आसाराम द्वारा इस प्रकरण को अंजाम देते हुए पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया गया?
- क्या शरदचंद, शिल्पी और आसाराम ने पीड़िता पर वास्तविक प्रभाव बनाते हुए नियंत्रण रखते हुए उस पर हमला किया और पीड़िता को अनावशयक रूप से मानसिक और शारीरिक कष्ट दिए?
- यदि अगर ऐसा क्या गया तो अभियुक्तों को किस दण्ड से दण्डित किया जाना चाहिए?
नीलम