लखनऊ। 1992 में अयोध्या में गिराए गये विवादित ढांचे के प्रकरण में आज सुबह सीबीआई की विशेष कोर्ट पर हाजिए हुए भाजपा के शीर्ष नेता लालकृष्ण आडवानी , मुरली मनोहर जोशी और केन्द्रीय मंत्री उमा भारती समेत 12 आरोपियों को कोर्ट ने 20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया है।25 साल पहले हुए इस प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद इस मामले को रायबरेली से लखनऊ भेज दिया गया था।
अब आज इस मामले में दोषियों के खिलाफ चार्ज बनना था। इसके लिए ये सभी कोर्ट में हाजिर हुए थे। जहां पर पहले इन्होने अपनी जमानत की अर्जी दी । इनके अधिवक्ता की ओर से दाखिल की गई अर्जी पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए । इन्हे जमानत पर छोड़ने का निर्यण दिया। इसके बाद कोर्ट में इन्ही के अधिवक्ता की ओर से डिस्चार्ज करने की अपील भी की गई।
हांलाकि इस मामले में भी कोर्ट ने अपनी बहस पूरी सुनकर अपना फैसला सुरभित रख लिया है। अभियोजन का तर्क था कि इन आरोपियों ने 6 दिसम्बर 1992 को ही भीड़ को आक्रोशित करते हुए उस विवादित परिसर को गिरवाया था। इस दिन होने वाले इस कांड के बारे में इन्हे पूर्व मे सूचना थी। यह पूरी साजिश इन्ही लोगों ने रची थी। हांलाकि अभियोजन के इस तर्क से इन आरोपियों ने साफ इनकार करते हुए कहा है कि यह कोई साजिश नहीं थी और किसी ने भीड़ को आक्रोशित नहीं किया था। इसलिए इस आरोप से हमें मुक्त किया जाना चाहिए।