लखनऊ: अप्रैल में जब कोरोना की दूसरी लहर अपने चरम पर थी, लखनऊ शहर में 6 हजार के करीब मामले प्रतिदिन सामने आ रहे थे और उस दौरान जिला अधिकारी अभिषेक प्रकाश कोरोना पॉज़िटिव हो गए। तब लखनऊ शहर को इस मुसीबत की घड़ी से बाहर निकालने का जिम्मा 17 अप्रैल को IAS अधिकारी जेकब को मिला।
खुद दो दिन पहले ठीक हुईं जेकब में तुरंत चार्ज संभाल और लोगों को बचाने में जुट गयीं। 2 जून को जेकब ने कार्यभार छोड़ा और खनन विभाग में निदेशक के पद पर वापस गयीं तो लखनऊ में करीब 100 नए केस सामने आ रहे हैं और पॉजिटिविटी रेट 1 प्रतिशत से भी नीचे पहुंच गया है।
जेकब ने एक महीन से थोड़े ज्यादा वक्त में जिस तरह से शहर में कोरोना पर काबू पाया है, उनके इस काम की न सिर्फ उनके साथी बल्कि खुद मुख्यमंत्री भी तारीफ कर रहे हैं।
जेकब का काम इतना बेहतरीन था कि 27 अप्रैल को डीएम प्रकाश के ठीक होकर वापस काम पर आने के बाद भी वह कोविड प्रभारी अधिकारी बनीं रहीं।
जेकब के साथ काम करने वाले लोगों ने बताया कि उनका सबसे बेहतर तरीका ये था कि वो अस्पताल में भर्ती मरीजों और होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की हर रोज खबर लेती रहतीं थीं।