वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में कोरोना का भीषण संक्रमण देखने को मिल रहा है। इसको देखते हुए और कोरोना के बढ़ते संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए जनसामान्य से जिलाधिकारी ने अपील की है।
एक महीने वाराणसी न आएं लोग
वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने जनता के साथ साथ विदेशी श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कि अपैल के पूरे महीने वाराणसी न आएं। जिलाधिकारी ने कहा कि यहां आने वाले भक्तों को सूचित किया जाता है कि बुधवार से जिले में प्रवेश के लिए कोविड नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई है।
इसके बिना जिले में किसी भी कीमत पर प्रदेश नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही बाहर से आने वाले यात्रियों को शहर में ठहरने के लिए बहुत जल्द कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की व्यवस्था लागू की जाएगी।
कोरोना की नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य
वहीं वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने लोगों से अपील की है कि बनारस में कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। इसलिए अगर बहुत जरूरी न हो तो लोग वाराणसी न आएं।
उन्होंने कहा कि श्री विश्वनाथ मंदिर एवं अन्नपूर्णा मंदिर में दर्शन करने के लिए आने वाले भक्तों का 3 दिन पूर्व का कोरोना का आरटी पीसीआर नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि जो भी आरसीपीसीआर टेस्ट नहीं करवाएगा उसे मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
बीएचयू में बड़ी संख्या में हो रहा इलाज
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने कहा कि कोरोना की बीमारी को देखते हुए जन सामान्य से अपील की गई है कि वो वाराणसी आने से फिलहाल अवॉइड करें। यदि कोई जरूरी कार्य न हो तो आसपास के जनपदों से लोग वाराणसी न आएं और अपने घरों पर ही रहे।
बता दें की वाराणसी के बीएचयू मेडिकल कॉलेज में इस समय बड़ी संख्या में कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है। यहां पर कोरोना के मरीजों के करीब सारे बेड फुल हैं वहीं प्राइवेट हास्पिटलों का भी हाल बेहाल है। ऐसे में कमिश्नर दीपक अग्रवाल की बात को जनता को विशेष गौर से सुननी चाहिए।
वाराणसी में देश-विदेश से आते हैं लोग
यहां पर बड़ी मात्रा में लोग काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं। और मां गंगा में स्नान करके अपने पाप को धोते हैं। यहां पर बौद्ध धर्म से जुड़े भी कई स्मारक हैं जिसका दर्शन करने हिंदू और बौद्ध भिक्षु बड़ी संख्या में आते है।