लखनऊ। पूरे देश में कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है। ऐसे में लगातार ही ह्दय विदारक घटनाएं भी सामने आने लगी हैं। ऐसी ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। जिसे जिस किसी ने भी देखा उसका सीना भी छलनी हो गया है। मामला जौनपुर के मड़याओं थाना क्षेत्र का है। यहां के रहने वाले विनय सिंह का भतीजा विनीत सिंह मुंबई में काम करता था।
शादी के सिलसिले में गांव आया था युवक
वह शादी के सिलसिले में अपने गांव आया था। इसके बाद वह यहीं रुक गया क्योंकि उसे स्वास्थ्य में कुछ दिक्कत थी। जौनपुर के एक डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बताया कि किडनी में दिक्कत है इसके बाद वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय कई बार डॉक्टर को दिखाने आया बीते सोमवार को भी दिक्कत बढ़ने में वह अपनी मां के साथ बीएचयू पहुंचा लेकिन कोरोना की वजह से उसको किसी डॉक्टर ने नहीं देखा।
ई-रिक्शा लेकर दौड़ती रही मां
इसके बाद वह अपनी मां चंद्रकला सिंह के साथ ई रिक्शा पर अस्पताल दर अस्पताल भटकता रहा लेकिन कहीं भी उसको किसी डॉक्टर ने नहीं देखा। इसके बाद मां उसे ककरमत्ता स्थित एक प्राइवेट अस्पताल भी ले गए वहां भी उसे भर्ती नहीं किया गया जिसके बाद तड़पते हुए विनीत सिंह ने अपनी मां चंद्रकला सिंह के पैरों में दम तोड़ दिया।
दूसरी बीमारी वालों को नहीं मिल रहा ढंग का इलाज
विनीत चार भाई और एक बहन के बीच में तीसरे नंबर का बेटा था इस घटना के बाद एक दर्दनाक पहलू यह भी है। जिस पर सभी को सोचना होगा कि इस वक्त बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की ओपीडी बंद है सामान्य कोटि भी बंद है। लगभग सभी अस्पतालों का कुछ ऐसा ही हाल है तो सवाल उठता है एक कोरोना के साथ-साथ कुछ अन्य बीमारियां भी हैं, जिनका इलाज मिलना जरूरी है।
कोरोना पर खेली जा रही आंकड़ों की बाजीगरी!
ऐसे में कोरोना के आंकड़े तो सरकारी तौर पर घोषित किए जा रहे हैं। प्रशासन और सरकार की नजर भी है। लेकिन कोरोना के इधर हर रोज इलाज ना मिल पाने के कारण विनीत जैसे कई लोग दम तोड़ दे रहे हैं। इस पर राज्य सरकार, शासन और जिला प्रशासन को खास तौर पर गंभीर होने की जरूरत है।