पूरी दुनिया में मौत का तांडव करने वाला कोरोना वायरस अब देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट तक भी जा पहुंचा है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जज और वकीलों में सनसनी फैल गई। कोर्ट के अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा कोरोना से बचने के उपाय सोचे जा रहे है। मामला सामने आने के बाद लोगों में भय की स्थिति बनी हुई है।
देश के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि कोरोना वायरस की आपदा जैसी स्थिति में देश के तीनों अंगों कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को मिलकर काम करना होता है।
सीजेआई ने यह भी कहा कि महामारी या किसी आपदा से निपटने के लिए कार्यपालिका ही बेहतर है, लेकिन अगर कार्यपालिका लोगों के जीवन को खतरे में डालेंगी तो न्यायपालिका अवश्य हस्तक्षेप करेगी।
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट के एक कर्मचारी को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।जिस कर्मचारी को कोरोना संक्रमित पाया गया था वह 16 अप्रैल को कोर्ट आया था। खबर के फैलते ही रजिस्ट्रारों को 30 अप्रैल तक क्वारेंटाइन किया जा चुका है और बाकी संपर्क में आए हुए लोगों का पता लगाया जा रहा है। स बीच देश में कोरोनावायरस का मामला 28 हजार पार कर गया है।
देश में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जिसको लेकर जनता के बीच काफी डर की स्थिति बनी हुई है। फिलहाल देश में 3 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है। उम्मीद की जा रही है। अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो लॉकडाउन को आगे बढ़ा दिया जाएगा।