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लखनऊ: स्वास्थ्यकर्मियों की मांग- सभी कोरोना वॉरियर्स को मिले प्रोत्साहन राशि

लखनऊ: कोरोना वॉरियर्स की मांग, सभी को मिले प्रोत्साहन राशि

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए चिकित्सक,नर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ दिन-रात काम कर रहा है। कोरोना संकट में उनकी कर्मठता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्‍हें 25 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया था।

कहा जा रहा था कि इससे कोरोना वॉरियर्स अपने कर्तव्यों का निर्वाहन बेहतर ढंग से करेंगे, लेकिन अब इस मामले में विरोध खड़ा हो गया है। प्रोत्साहन राशि को लेकर सिविल हॉस्पिटल के पैरामेडिकल स्टाफ में नाराजगी देखने को मिल रही है।

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल हॉस्पिटल संयुक्त कर्मचारी वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले मंगलवार को पैरामेडिकल स्टाफ ने विरोध जताया। उनका कहना है कि, प्रोत्‍साहन राशि के तहत सिर्फ कुछ ही कर्मचारियों का ही फायदा हो रहा है, बाकी के कर्मचारी इस लाभ से वंचित हैं।

कर्मचारियों में क्यों हो रहा बंटवारा?’

प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि, शासन स्तर पर इस योजना को बांट दिया गया है। उनका कहना है कि, केवल कोविड वार्ड में जो काम कर रहे हैं, उन्हें इसका लाभ मिलेगा, ये गलत है। इमरजेंसी वार्ड में काम करने वाले व अस्पताल के वैक्सीनेशन कार्यक्रम में कार्यरत कर्मचारी भी असुरक्षित हैं।

एसोसिएशन का कहना है कि, ये कर्मचारी भी कोविड और नॉन कोविड मरीजों का इलाज करते हैं। सभी की सेवा करते हैं, तो इन्‍हें इस प्रोत्साहन राशि से क्यों वंचित रखा जा रहा है। साथ ही स्वास्‍थ्‍यकर्मी के शहीद होने पर उसके आश्रित को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि वाली योजना पर भी इसी तरह का बंटवारा किया गया है।

ये भेदभाव गलत है

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि, सभी चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जाए। इस तरह का भेदभाव गलत है। मरीज़ पहले नॉन कोविड अस्पताल में आकर भर्ती होता है, उसके बाद उसकी जांच होती है। 24 घंटे बाद रिपोर्ट आती है और अगर मरीज़ पॉजिटिव होता है तो उसे कोविड वार्ड में भर्ती किया जाता है। इस प्रक्रिया में कम से कम 36 घंटे लगते हैं, तब तक हम उसके साथ होते हैं। हमें भी ऐसी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए।

रविवार को तैयार की गई थी आंदोलन की रणनीति

प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में तैनात सभी कर्मचारी मंगलवार को काला फीता बांधकर कार्य करेंगे और साथ ही शासनादेश की प्रतियां जलाएंगे। ये रणनीति उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की रविवार को हुई वर्चुअल बैठक में तैयार की गई थी।

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